Himachal Pradesh School Education: अब प्रदेश के स्कूलों में SMC की होगी ट्रेनिंग! शिक्षा विभाग ने ट्रेनिंग के लिए जारी किया फंड! पढ़ें पूरी डिटेल
Himachal Pradesh School Education: हर शिक्षा संस्थान का मुख्य उद्देश्य उसके विद्यार्थियों का समग्र विकास है। इस विकास को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल प्रबंधन की भूमिका महत्वपूर्ण है।
Himachal Pradesh School Education: अब प्रदेश के स्कूलों में SMC की होगी ट्रेनिंग! शिक्षा विभाग ने ट्रेनिंग के लिए जारी किया फंड! पढ़ें पूरी डिटेल
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस बात को महसूस किया गया और वहां की विद्यालय प्रबंधन समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षित बनाने का निर्णय लिया। इसकी शुरुआत जिला हमीरपुर से की गई है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य: विद्यालय प्रबंधन समितियां शिक्षा संस्थानों की स्तरीयता, उनके विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
हमीरपुर में इस समिति के सदस्यों को उनकी जिम्मेदारियों, कर्तव्यों और अधिकारों से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण की चार फेज: यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चार फेज में विभाजित है:
प्रथम फेज: इसमें समिति के सदस्यों को उनकी जिम्मेदारियों और अधिकारों से अवगत कराया जाएगा। यहां वे गुणात्मक सुधार के लिए स्कूल विकास योजना पर चर्चा करेंगे।
द्वितीय फेज: इस फेज में सदस्यों को शिक्षा का अधिकार, लर्निंग आउटकम और नई शिक्षा नीति से संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी।
तृतीय फेज: इसमें शारीरिक विकास, स्वच्छता, स्कूल परिसर की सौंर्दयिकरण और आपदा प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
चौथा फेज: इसमें समिति के सदस्यों को इलेक्ट्रानिक मीडिया के दुष्प्रभाव, नशीले प्रदार्थों और बच्चों के अधिकार संरक्षण पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
फंडिंग और आर्थिक सहयोग: हमीरपुर के प्रत्येक स्कूल को तीन-तीन हजार रूपये की अनुदान राशि प्रदान की गई है ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया जा सके।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सिर्फ शिक्षकों और विद्यार्थियों पर ही निर्भर रहना उचित नहीं है।
इसके लिए स्कूल प्रबंधन की एक मजबूत और साक्षर समिति की आवश्यकता है जो स्कूल की विकास योजना, आवश्यक संसाधनों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के प्रति समर्पित हो।
हमीरपुर में विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों की ट्रेनिंग का आयोजन इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया गया है।
यह ट्रेनिंग समिति के सदस्यों को उनके कर्तव्यों, अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करेगी, ताकि वे अपने रोल को और अधिक प्रभावी तरीके से निभा सकें।
इसके साथ ही, शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए फंड से उन्हें इस कार्य में सहायता मिलेगी। अब, जब स्कूल प्रबंधन समितियाँ अपने कर्तव्यों को सही तरीके से समझती हैं और उन्हें सही दिशा दी जाती है, तो शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर और सुधार की आशा की जा सकती है।