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Hindi bhasha ki lipi kya hai | Hindi bhasha ki lipi koun si hai

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हिंदी भाषा की लिपि क्या है ?

नमस्कार दोस्तों स्वागत हमारे नए ब्लॉग में आज हम बात करने वाले हैं। भाषा की लिपि की यानी कि हिंदी भाषा की लिपि क्या होती है। लिप किसे कहते हैं? तथा हिंदी भाषा के अतिरिक्त अन्य भाषाओं की लिपि के बारे में जानेंगे जैसे कि हिंदी भाषा के लिपि , अंग्रेजी भाषा की लिपि, गुजराती भाषा की लिपि, उर्दू भाषा की लिपि, मराठी भाषा की लिपि, तथा इसके अतिरिक्त इन भाषाओं के इतिहास के बारे में भी जानेंगे।
सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर लिपि होती क्या है, या हम यूं कहें की लिपि की परिभाषा क्या होती है -:

लिपि किसे कहते हैं ?

लिपि किसे कहते हैं? इसकी व्याख्या हम आसान शब्दों में करने वाले है। हम अपने शब्दों में लिपि कहें या फिर लेखन क्रिया, दोनों के अर्थ सामान होते हैं। लेखन प्रणाली की परिभाषा है, कि किसी भाषा को लिखने की क्रिया को हम लिपि कहते हैं, या फिर लेखन क्रिया कहते हैं।

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जिस तरीके से ध्वनियों व चिन्हों का प्रयोग करके शब्द या कोई भाषा बनाई जाती है, उसे हम लिपि कहते हैं। परंतु लिपि तथा भाषा दोनों अलग चीज होती हैं दोनों का वर्क अलग होता है

लिपि – लिपि एक ऐसी चीज होती है जिसे हम लिखते हैं।
भाषा – एक ऐसी चीज है जैसे हम बोलते हैं।

आपने देखा होगा, कि पूरी दुनिया में बहुत सारी भाषाएं बोली लिखी जाती है। लेकिन एक भाषा एक ही स्थान पर लिखी व बोली जाती है परंतु कुछ भाषाएं ऐसी होती हैं।

जो पूरी दुनिया में लिखी वह बोली जाती हैं, क्योंकि ऐसी भाषाएं पूरे विश्व को संदेश व एकजुट होने के लिए प्रयोग की जाती है। यदि हम ऐसी भाषाओं का बोलचाल व लिखावट में उपयोग नहीं करेंगे , तो हम सभी देशों से अलग-थलग हो जाएंगे।

लेकिन वर्तमान में भाषाओं का लिखने में जो उपयोग में लाया जा रहा है उनमें केवल 24 भाषाएं शामिल है। यदि और इसको गहराई से जाने तो वर्तमान के समय में पूरे विश्व में मात्र तीन लिपियों का ज्यादातर उपयोग किया जा रहा है।

पहली लिपि : फोनेशियन लिपि मध्य एशिया से लेकर यूरोप तथा अफ्रीका में उपयोग की जाती है।

दूसरी लिपि : चित्र लिपि चीन जापान , उत्तर कोरिया तथा दक्षिण कोरिया जैसे देशों में इसका प्रयोग किया जाता है।

तीसरी लिपि : ब्राह्मी लिपि एक देवनागरी लिपि है दक्षिण एशिया तथा दक्षिण पूर्व एशिया मैं इस लिपि का उपयोग किया जाता है।

हिंदी भाषा की लिपि क्या है?

दुनिया में भारत की हिंदी भाषा बहुत प्रचलित माने जाते हैं। एशियाई देशों में हिंदी को काफी महत्व दिया जाता है। हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है । हिंदी भाषा का इसका दूसरा नाम नागरी है देवनागरी भाषा में 11 स्वर तथा 33 व्यंजन होते हैं। यदि हम इसकी लिखावट की बात करें तो यह बाई से दाएं और लिखी जाती है।

देवनागरी लिपि एक भारतीय भाषा में शामिल की गई है। यदि देवनागरी लिपि मैं अन्य भाषाओं की बात करें तो कोकड़ी हिंदी कश्मीरी हिंदी पाली संस्कृत बुंदेली भाषा डोगरी खास तमांग भाषा गढ़वाली बोडो अंगिका मगही मैथिली स ताली नागपुरी भोजपुरी राजस्थानी भाषा बघेली इसके अलावा कुछ अन्य भाषाओं में देवनागरी का उपयोग किया जाता है जैसे कि मणिपुरी रोमानी उर्दू गुजराती आदि।

देवनागरी लिपिक की पहचान छैतिज रेखा से की जाती है। यदि में बात करें पूरे एशिया की तो देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली कुल भाषाएं 175 हैं।

देवनागरी शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई?

देवनागरी शब्द की उत्पत्ति की अध्ययन बात करें, तो इस लिप का कोई संतुष्ट पूर्ण इतिहास नहीं मिला परंतु, इसका उल्लेख सिंधु घाटी सभ्यता में मिलता है। यानी कि 2027 ईसा पूर्व से ले कर अशोक के शासन काल तक इसका उल्लेख अच्छे से मिल जाता है। लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि यह भाषा उससे भी पुरानी है, या नहीं क्योंकि हमें अभी तक इससे पहले का कोई लिखित प्रमाण नहीं है। लेकिन इसका गुजराती ब्राह्मणों ने इसको अपभ्रंश से जुड़ा है परंतु यह कोई लिखित प्रमाण नहीं है। जब तक कोई लिखित प्रमाण नहीं होता, तब तक हम यह नहीं कह सकते कि इस भाषा की लिपि की उत्पत्ति कहां से हुई।

कुछ लोगों का मानना है की दक्षिण भारत में नंदी नागरी नाम की एक भाषा है जिसको वह लोग देवनागरी भाषा की उत्पत्ति यहीं से मानते हैं । पर इसे का भी कोई लिखित प्रमाण नहीं है।

देवनागरी लिपि का उल्लेख संस्कृत ग्रंथों में मिला है, शायद हम कह सकते हैं, कि देवनागरी लिपि का जन्म यहीं से हुआ क्योंकि भारत की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत है।

देवनागरी लिपि का इतिहास

देवनागरी लिपि के साथ एशिया के कई देशों में प्राप्त हुए जैसे कि गुजरात नेपाल भारत तिब्बत दक्षिण पूर्व एशियाई देश ब्रम्हमी लिपि के हिस्सा हैं। इन देशों की भाषा संस्कृत थी और यदि लिपि की बात करें तो नागरी लिपि थी। यह सभी अखिलेश प्रथम शताब्दी से लेकर देवनागरी में उपयोग होते जा रहे हैं। यदि हम वर्तमान स्वरूप की बात करें तो देवनागरी लिपि का प्रयोग 1000 ई से पहले आरंभ हो चुका था।

यदि बात करें मध्यकाल की तो यह सातवीं शताब्दी तक देवनागरी नियमित रूप से उपयोग में आने लगी थी तथा लगभग 1000 ई. तक देवनागरी का पूरी तरीके से प्रचलन मैं आ गई ।

अगर हम सबसे पहले कि देवनागरी लिपि की बात करें तो, यह गुजरात के राजा जय भट्ट के शिलालेखों में उल्लेख मिलता है। इसी लिपि के साक्ष्य चित्रकूट तथा बड़ौदा में मिलता है । समसुद्दीन इल्तुतमिश ने सिक्कों पर देवनागरी लिपि का उपयोग किया है।

मध्यकालीन भारत में देवनागरी लिपि का उपयोग लगभग सभी शासकों ने किया है। जैसे कि इल्तुतमिश , बलबन, गयासुद्दीन तुगलक, मोहम्मद बिन तुगलक, अलाउद्दीन खिलजी, तथा इसके बाद अन्य शासकों ने देवनागरी लिपि का उपयोग किया।

कनिघम द्वारा अपनी पुस्तक में महमूद गजनवी मुस्लिम शासक का उल्लेख किया है जिसमें महमूद गजनवी द्वारा चलाए गए चांदी के सिक्कों के ऊपर संस्कृत में देवनागरी लिपि का उपयोग किया है।

संस्कृत भाषा की लिपि क्या है?

दोस्तों अब हम बात करेंगे, संस्कृत भाषा की लिपि के बारे में आपने देखा, कि हिंदी भाषा की लिपि हमने कितने आसान शब्दों में समझा, तथा हमने इसके इतिहास के बारे में जाना व हिंदी भाषा की उत्पत्ति कहां से हुई यह भी हमने जाना। अब हम जानेंगे संस्कृत भाषा की लिपिक तथा इसके इतिहास के बारे में

यदि हम भारत के बात करें तो भारत में सबसे पुरानी भाषा संस्कृत मानी जाती हैं। इसके साक्ष्य आपको प्राचीन ग्रंथों में मिल जाएंगे जैसे कि ऋग्वेद, यजुर्वेद, रामायण आदि में।

यह भारतीय भाषा को भारत में प्रथम स्थान दिया गया इस भाषा को हमारे स्कूलों व कॉलेजों में भी पढ़ाई जाती है। सभी भारतीय भाषाएं अधिकतर संस्कृत लिपि से बनी है।

संस्कृत भाषा की लिपि

हमने बुक्स और इंटरनेट पर काफी सर्च किया परंतु हम को ऐसा कंटेंट नहीं मिला। जिसमें यह पुष्टि हो सके कि संस्कृत भाषा की कोई लिपि होती है। किंतु आपको मैं बताना चाहता हूं । की संस्कृत भाषा की लिपि ब्राह्मी लिपि ही मानी गई है , क्योंकि अशोक सम्राट ने इसको धम्म लिपि नाम दिया था।

प्रत्येक राज्य की संस्कृत भाषा की एक लिपि होती है। जैसे कि एक राज्य की भाषा हिंदी है, तो हिंदी की लिपि देवनागरी होती, तो उस राज्य में संस्कृत भाषा की लिपि भी देवनागरी होगी।

यदि हम अंतिम रूप से पुष्टि करें। कि आखिर संस्कृत भाषा की लिपि क्या होती है, तो मेरा उत्तर होगा कि संस्कृत भाषा की लिपि देवनागरी है।

जिस प्रकार देवी देवता अमर है, उसी तरीके से संस्कृत भाषा भी अमर है। वर्तमान विद्वानों के अनुसार संस्कृत भाषा का बगैर टूटे प्रवाह चलता चला रहा है।
यह भाषा इतनी पुरानी होने के बावजूद भी यह एक सीमित क्षेत्र में ही बोली जाती है। परंतु इतनी प्राचीन होने के कारण यह हिंदुओं के कार्यक्रम में आज भी उपयोग में लाई जाती है। संस्कृत भाषा लैटिन व ग्रीक से भी पुरानी है।

आचार्य पतंजलि व्याकरण महाभारत नामा के प्रसिद्ध शब्द अनुशासन के आरंभ में ही वैदिक भाषा और लौकिक भाषा के शब्दों का उल्लेख किया गया है, जो कि एक संतुष्ट पूर्ण प्रमाण है।

मराठी भाषा की लिपि क्या है?

मराठी भाषा भारत देश की प्राचीनतम भाषा में से एक है । तथा इस भाषा की लिपि देवनागरी है। मराठी भाषा पश्चिम भारत में बोली जाने वाली एक भारतीय भाषा है, तथा यह भाषा महाराष्ट्र की राजकीय भाषा है। महाराष्ट्र एक भारतीय राज्य है यह स्टेट भारत के पश्चिम में स्थित है, जिसकी राजधानी मुंबई है।
मराठी भाषा पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त गोवा में काफी मात्रा में बोली जाती है। तथा यह भाषा देवनागरी और कोकड़ी में लिखी जाती है।

मराठी भाषा का इतिहास ?

मराठी भाषा करीब 2300 वर्षों से अस्तित्व में है। एक डाटा के आधार पर मराठी भाषा को बोलने वालों की संख्या करीब करीब 10 करोड़ है। यह भारत में बोली जाने वाली भाषाओं में से तीसरे स्थान पर है।
मराठी भाषा पश्चिम भारत की राज्य भाषा है तथा गोवा की भी राजभाषा है। इसके अतिरिक्त या महाराष्ट्र की एक लौती राजभाषा भी है।

गुजराती भाषा की लिपि क्या है?

गुजराती भाषा की लिपि बिल्कुल देवनागरी की तरह से होती है, इसमें इसमें भी 52 अक्षर होते हैं। जिनमें की 14 swar तथा 38 vyanjan होते हैं। गुजराती लिपि बाएं से दाएं ओ र लिखी जाती है। जिस तरह देवनागरी में शब्दों के ऊपर एक सीधी लाइन खींची जाती है । गुजराती लिपि में शब्दों के ऊपर कोई रेखा नहीं खींची जाती है। परंतु यह लिपि बिल्कुल देवनागरी लिपि की तरीके से होती है।

उर्दू भाषा की लिपि क्या है?

आप हमसे बहुत लोगों ने गूगल पर उर्दू भाषा की लिपि के बारे में पूछा है इसलिए मैंने सोचा कि आपको इसके बारे में बताया जाए कि आखिर उर्दू भाषा की लिपि क्या होती है

उर्दू भाषा की लिपि नश्तालिक को मानी जाती है। उर्दू भाषा को दाएं से बाएं की ओर लिखा जाता है। तथा नस्तलिक लिपि फारसी तथा अरबी का एक स्वरूप है इसलिप का उद्भव ईरान से हुआ था। यदि हम इस भाषा के जन्म की बात करें तो लगभग 14 वीं या 15 वी शताब्दी के बीच हुआ था। नस्तलिक लिपि का उपयोग इस्लामिक देशों में लेखन कार्य में किया जाता है।
नोट उर्दू भाषा उत्तर प्रदेश की दूसरी राजभाषा का दर्जा मिला है जोकि पहेली हिंदी दूसरी उर्दू

उर्दू शब्द की उत्पत्ति तथा इसका इतिहास

उत्पत्ति

सबसे पहले बात कर लेते हैं उर्दू शब्द की उत्पत्ति की तो उर्दू शब्द की उत्पत्ति तुर्की भाषा से हुई है। जिसका मतलब खेमा होता है। उर्दू शब्द तुर्कों के साथ भारत आया था

इतिहास

एक शख्स मोहम्मद हुसैन आजाद के अनुसार उर्दू भाषा की उत्पत्ति पश्चिमी हिंदी की एक खड़ी बोली का एक स्वरूप मानते हैं

दूसरे शख्स महमूद शेरवानी जिन्होंने बताया कि 170 से अधिक वर्षों की अवधि के दौरान जब गजनवी के शासकों को पंजाब के शासकों ने बंदी बनाया हुआ था तब कई तुर्की तथा अफगानी वहां आए और पंजाब में धीरे-धीरे बस गए। उसके बाद से पंजाबी बोलने वाले लोग फारसी तुर्की तथा अफगानी बोलने लगे तथा इसके बाद धीरे-धीरे भारतीय लोग व बाहर से आए फारसी तुर्की और अफगानी लोगों से घनिष्ठ मित्रता होने लगी। दोनों भाषाएं धीरे धीरे प्रचलन में आने लगी हिंदी उर्दू फारसी वह अफगानी भाषाएं मिलकर एक नए शब्द का रूप दे दिया। जो कि आज भी चलन में है।

अंग्रेजी भाषा की लिपि क्या है

अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन लिपि है। अंग्रेजी भाषा एक हिंदी यूरोपियन भाषा की सदस्य है। अंग्रेजी भाषा को पूरे विश्व की एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय भाषा है। जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आधिकारिक रूप से अंग्रेजी को दर्जा प्राप्त है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जितने भी कार्य होते हैं, यह सब अंग्रेजी भाषा में किए जाते हैं। इस भाषा का उपयोग ज्ञान विज्ञान कंप्यूटर वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी तथा इसके अतिरिक्त अनेक जगह पर इस को मान्यता दी गई है।

अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति तथा इतिहास

अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति पश्चिमी जर्मनिक तथा एंग्लो सेक्शन इंग्लैंड से हुई है। यदि किसी देश की राष्ट्रीय भाषा हिंदी है तो द्वितीय राष्ट्रीय भाषा इंग्लिश को माना है। तथा अंग्रेजी भाषा द्वितीय आधिकारिक भाषा के रूप में कार्य करती है।

यदि हम बात करें अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति की तो पांचवी शताब्दी में इंग्लैंड में बस से एंग्लो सेक्शन द्वारा लाई गई थी जिसे अब पुरानी अंग्रेजी के रूप में जानते हैं।

पंजाबी भाषा की लिपि क्या है?

पंजाबी भाषा की लिपि गुरुमुखी है। तथा इसका पंजाबी भाषा की लिपि का अर्थ है गुरु के मुख से निकली लिपि को हम गुरमुखी कहते हैं। यह भाषा ज्यादातर पंजाब हरियाणा जैसे राज्यों में बोली जाती हैं। यह भाषा काफी अच्छी तथा मजेदार है। गुरमुखी लिपि में 3 स्वर तथा 32 व्यंजन होते हैं।

पंजाबी भाषा का इतिहास तथा उत्पत्ति

पंजाबी भाषा की उत्पत्ति शौरसेनी भाषा से हुई है जिसको हम आर्य भाषा भी कहते है इस भाषा को ज्यादातर सिक्ख तथा मुसलमान द्वारा बोली जाती है इस भाषा से जुड़ी एक जरूरी बात की यह भाषा पाकिस्तान में भी बोली आती है। क्योंकि पाकिस्तान में कुछ जगहों पर सिक्ख समुदाय रहता है।

पिछले 300 वर्षों से लिखित पंजाबी भाषा का एक मानक रूप मांझी बोली पर आधारित है जो इतिहास के मांझा क्षेत्र की भाषा है।

पंजाबी शब्द बहुत पुराना माना जाता है, क्योंकि पंजाबी शब्द 1670 में हफीज बरखुरदार एक कवि थे। जिन्होंने सर्वप्रथम प्रयुक्त किया था, तथा इस भाषा का दूसरा नाम हिंदी भी रखा।

पाकिस्तान में पंजाबी भाषा करीब 45 प्रतिशत बोली जाती है तथा वहां की आवाम लगभग 70% पंजाबी बोलना जानती है।

पंजाबी भाषा पंजाब हरियाणा के अतिरिक्त पूरे कश्मीर में यह भाषा बोली जाती है। यदि हम पूरे भारत के बात करें तो पंजाबी भाषा मात्र 3% आबादी द्वारा ही बोली जाती है।

हरियाणा व दिल्ली जैसे राज्यों में पंजाबी भाषा को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है।

तेलुगु भाषा की लिपि क्या है

तेलुगु लिपि ब्राम्ही लिपि से उत्पन्न हुई है, तथा यह कन्नड़ लिपि से काफी मेल खाती है। तेलुगु भाषा आंध्र प्रदेश व तमिल नाडु जैसे राज्यों में बोली जाती है। यहां वहां की अधिकारिक भाषा भी है, तथा इसके अतिरिक्त कर्नाटक उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ तेलंगाना में भी कहीं-कहीं बोली जाती है।
लोग तेलुगु लिपि को एक मोती की माला की तरीके से मानते हैं क्योंकि यह भाषा गोल होती है।

तेलुगु भाषा की उत्पत्ति तथा इतिहास

आंध्र प्रदेश की जनता को उत्तर से दक्षिण की ओर हटाया गया तो जो दक्षिण वासी होने के कारण इस प्रदेश और भाषा को तेलुगू नाम दिया गया।

एक ऋग्वेद की कथा के अनुसार विश्वामित्र ने अपने 40 पुत्रों को श्राप दे दिया इस लिए सभी पुत्र आंध्र हो गए।

तो दोस्तों आपने देखा कि हमने किस तरीके से कई प्रश्नों के उत्तर संतुष्ट पूर्ण दिया है जैसे कि आप लोग सर्च इंजन या गूगल से कुछ निम्नलिखित प्रश्न सर्च किए थे जोकि कुछ इस प्रकार है – लिपि क्या है? हिंदी भाषा की लिपि क्या है? हिंदी भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई? पंजाबी भाषा की लिपि क्या है? मराठी भाषा की लिपि क्या है? गुजराती भाषा की लिपि क्या है? अंग्रेजी भाषा की लिपि क्या है? तेलुगु भाषा की लिपि क्या है? भारतीय भाषाओं की लिपि व उन भाषाओं की उत्पत्ति कैसे हुई? इसके अतिरिक्त हमने उन भाषाओं के इतिहास के बारे में जाना। हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट में अवश्य बताइएगा। यदि कंटेंट पसंद आया हो , तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जिससे आपके दोस्तों की मदद हो सके।

Written by newsghat

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