HP Education Policy: सीएम सुक्खू ने किया बड़ा ऐलान! अब 11वीं और 12वीं के छात्रों को भी प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर मिलेगी ये खास सुविधा
HP Education Policy: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य सरकार राज्य के दूरदराज क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्कूलों की शिक्षा स्तर में बेहतरी के लिए काम कर रही है। उनका लक्ष्य है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उच्चतम गुणवत्ता की शिक्षा मिले।
HP Education Policy: सीएम सुक्खू ने किया बड़ा ऐलान! अब 11वीं और 12वीं के छात्रों को भी प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर मिलेगी ये खास सुविधा
11वीं और 12वीं कक्षा के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह योजना वे स्कूलों से शुरू होगी जिनमें विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है और अच्छी इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था है।
इसके बाद के चरण में, 8वीं से 10वीं कक्षा और उसके बाद 1वीं से 7वीं कक्षा के स्कूलों में भी यह सुविधाएं दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सुविधाएं स्मार्ट क्लासरूम उपकरणों और छात्रों के लिए स्मार्ट फर्नीचर के साथ-साथ शामिल होंगी। इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बेहतर सीखने का माहौल स्थापित करना है।
कक्षाओं की आंतरिक सज्जा (इंटीरियर) में भी सुधार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इस सुविधा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छात्रों की अच्छी संख्या, इंटरनेट सुविधा और बेहतर अधोसंरचना वाले स्कूलों की पहचान करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार विशेष रूप से राज्य के दूरदराज क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार पर ध्यान दे रही है।
सरकार ने इस बार के बजट में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। इसी प्रक्रिया के भाग के रूप में, हर उच्च माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय कक्ष स्थापित किए जाएंगे।
इस साल, सरकारी स्कूलों को 40 हजार नए डेस्क प्रदान किए जाएंगे, जिससे विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई का माहौल और बेहतर होगा। इसके अलावा, अध्यापकों को भी नई शिक्षा तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे छात्रों के साथ अधिक कुशलता से संवाद स्थापित कर सकें।
साथ ही, सरकार नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को समेतने और उन्हें आधुनिक बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। नई शिक्षा नीति के तहत, सभी विद्यालयों को बालक और बालिकाओं के लिए उपयुक्त शौचालय सुविधाएँ उपलब्ध कराने की भी आवश्यकता होगी।
इन सभी उपायों से उम्मीद है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों की सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी।