HP Employees Transfer Policy: हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के तबादला नियमों में बड़ा बदलाव! 80 हजार शिक्षक होंगे प्रभावित! देखें क्या है पूरी डिटेल
HP Employees Transfer Policy: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में शिक्षकों के तबादले में एक नया बदलाव किया है।
इस बदलाव के तहत शिक्षकों के तबादले 30 किलोमीटर के दायरे से बाहर होंगे। जिसमें करीब 80 हजार शिक्षकों के तबादलों के लिए प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने पुराने नियम बदल दिए है।
HP Employees Transfer Policy: हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के तबादला नियमों में बड़ा बदलाव! 80 हजार शिक्षक होंगे प्रभावित! देखें क्या है पूरी डिटेल
राज्य में अब शिक्षकों के तबादले 30 किमी के दायरे से बाहर होंगे। करीब 80 हजार शिक्षकों के तबादलों के लिए प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने पुराने नियम बदल दिए हैं। तबादले करने के लिए सरकार ने दूरी को पांच किलोमीटर बढ़ा दिया है।
एक स्थान पर तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा करने के बाद अब शिक्षकों को 30 किमी दूर जाना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले 25 किलोमीटर के भीतर तबादले होते थे।
प्रदेश मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में इसी माह से यह व्यवस्था लागू होगी।
एक स्कूल में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होते ही आपसी रजामंदी से नजदीकी शिक्षक के साथ स्कूल बदलने के तबादला आदेश जारी करवाने वाले शिक्षकों के लिए अब राह आसान नहीं रहने वाली है।
शहरों के आसपास सटे स्कूलों में ही सेवाएं देने वाले शिक्षकों को थोड़ा और बाहर के क्षेत्रों में भेजने के लिए सरकार ने तबादला नीति में बदलाव कर दिया है।
प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर पांच स्कूल दोबारा खोल दिए हैं। शिक्षा सचिव की ओर से जारी अधिसूचना के तहत सोलन में वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल गनोल, चंबा में मिडल स्कूल कुलाल और कुल्लू में प्राइमरी स्कूल बलआरगा व चंबा में कहलोह स्कूल को फिर से खोलने का फैसला लिया है।
इन स्कूलों में निर्धारित संख्या से ज्यादा विद्यार्थियों ने प्रवेश लेने की इच्छा जताई, जिसके बाद इन स्कूलों को खोल दिया गया।
जान लें कि विभागीय अधिकारियों की ओर से 30 की जगह 40 किमी के दायरे से बाहर शिक्षकों के तबादले करने का प्रस्ताव था।
लेकिन सरकार ने इस दूरी को 30 किमी ही रखने की मंजूरी दी है। बता दें कि इस नई व्यवस्था से अब ऐसे स्कूलों में अध्यापकों की कमी दूर होगी, अध्यापक जाने से कतराते थे।