HP Govt Jobs: हिमाचल में सुक्खू सरकार का शिक्षक भर्ती का नया फार्मूला तैयार, दो या तीन साल के लिए होगी भर्ती, पढ़ें कितना मिलेगा वेतन
HP Govt Jobs: हिमाचल प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए नया फार्मूला तय हो गया है। प्रदेश के दूरदराज इलाकों में खाली पड़े पदों को सरकार दो या तीन साल के लिए भरने का प्रयास कर रही है। इस भर्ती की प्रक्रिया पीटीए, एसएमसी और विद्या उपासक भर्ती फार्मूले से अलग होगी।
HP Govt Jobs: हिमाचल में सुक्खू सरकार का शिक्षक भर्ती का नया फार्मूला तैयार, दो या तीन साल के लिए होगी भर्ती, पढ़ें कितना मिलेगा वेतन
अस्थायी शिक्षक भर्ती में आरएंडपी रूल्ज को फॉलो किया जाएगा, जिसमें रिजर्वेशन सहित सभी नियमों को फॉलो किया जाएगा। फाइनल फैसला गुरुवार को होने वाली कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग में लिया जाएगा।
HP Govt Jobs: क्या होगी नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया
नई भर्ती प्रक्रिया में जेबीटी, टीजीटी, सी एंड वी, लेक्चरर और कॉलेज काडर की भर्ती होगी। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भर्ती होगी और आर एंड पी रूल्ज को फॉलो किया जाएगा। पर्सनल इंटरव्यू नहीं होगा।
HP Govt Jobs: अस्थायी शिक्षकों का वेतन और सहूलियतें क्या होंगी
हिमाचल सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए नया फार्मूला लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार, शिक्षकों को दो या तीन साल के लिए अस्थायी तौर पर नियुक्त किया जाएगा। वेतन और सहूलियतों के बारे में, सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। वेतन और सहूलियतों का फैसला मंत्रिमंडल द्वारा किया जाएगा।
इस नई योजना के तहत, शिक्षक भर्ती जेबीटी, टीजीटी, सी एंड वी, लेक्चरर और कालेज काडर के लिए की जाएगी। जेबीटी, टीजीटी, सी एंड वी की भर्ती डिस्ट्रिक्ट लेवल पर होगी, जिसे डिप्टी डायरेक्टर करेंगे।
भर्ती में आर एंड पी रूल्ज को फॉलो किया जाएगा, जिसमें अभ्यर्थी के दसवीं, 12वीं, ग्रेजुएशन, जेबीटी, बीएड की मैरिट को ध्यान में रखा जाएगा। साथ ही रिजर्वेशन को भी देखा जाएगा। भर्ती के लिए वाइवा नहीं होगा यानी पर्सनल इंटरव्यू नहीं लिया जाएगा।
अस्थायी शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों के बराबर वेतन और सहूलियतें प्रदान करने का विचार किया जा सकता है, या फिर उन्हें कम वेतन और सहूलियतें प्रदान की जा सकती हैं। यह निर्णय सरकार की वित्तीय स्थिति, शिक्षा के प्राथमिकताएँ, और अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।
समय-समय पर, सरकार अस्थायी शिक्षकों के वेतन और सहूलियतों को समीक्षा कर सकती है, ताकि वे अपने काम में निष्ठा और प्रतिबद्धता बनाए रख सकें। इसके अलावा, अस्थायी शिक्षकों को प्रोत्साहन देने के लिए, सरकार उनकी कामकाजी और योग्यताओं के आधार पर स्थायी नियुक्ति के लिए भी विचार कर सकती है।