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HP Govt Order: हिमाचल में जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को करारा झटका! सरकार ने जारी किया ये बड़ा आदेश! देखें क्या है पूरा मामला

HP Govt Order: हिमाचल में जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को करारा झटका! सरकार ने जारी किया ये बड़ा आदेश! देखें क्या है पूरा मामला

HP Govt Order: हिमाचल में जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को करारा झटका! सरकार ने जारी किया ये बड़ा आदेश! देखें क्या है पूरा मामला

HP Govt Order: हिमाचल में जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को करारा झटका! सरकार ने जारी किया ये बड़ा आदेश! देखें क्या है पूरा मामला

HP Govt Order: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग 25,000 जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) और 18,000 क्राफ्ट एंड वोकेशनल (सीएंडवी) शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण पर रोक लगा दी है।

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HP Govt Order: हिमाचल में जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को करारा झटका! सरकार ने जारी किया ये बड़ा आदेश! देखें क्या है पूरा मामला

यह निर्णय उन हजारों शिक्षकों के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने पूर्व की जयराम सरकार के दौरान, 20 नवंबर 2021 को अपनाई गई नीति के तहत स्थानांतरण की आशा जताई थी।

पूर्व नीति के अनुसार, शिक्षकों को उनके सेवाकाल के दौरान केवल एक बार अंतर जिला स्थानांतरण की अनुमति थी।

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इस नियम में विशेष रूप से शादी के बाद महिला अध्यापकों को स्थानांतरण में छूट प्रदान की गई थी। इसके अतिरिक्त, दिव्यांगता वाले अध्यापकों के लिए भी कोई न्यूनतम सेवाकाल की शर्त नहीं थी।

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हालांकि, विभागीय अधिकारियों के अनुसार, तबादलों के लिए बड़ी संख्या में आवेदनों के चलते, सरकार ने इस नीति पर फिलहाल रोक लगा दी है।

इससे शिक्षक समुदाय में निराशा का माहौल है। सरकार का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाना है।

आगे चलकर, इस मामले में सरकार की योजना है कि मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श कर इस नीति को लेकर आगे का निर्णय लिया जाएगा। इस फैसले के बारे में शिक्षकों को आवश्यक सूचना दी जाएगी।

नवंबर 2021 में जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार, शिक्षकों की दोनों श्रेणियों में से केवल पांच प्रतिशत को ही एक वर्ष में स्थानांतरित करने की मंजूरी थी।

इस नीति में अनुबंध के तहत पांच वर्ष सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए पात्र बनाया गया था।

इस नए विकास से, शिक्षकों के बीच असंतोष की भावना उत्पन्न हुई है, क्योंकि कई ने अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर योजनाओं को इस नीति के अनुसार बनाया था।

तबादले के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को अब अपने वर्तमान स्थानों पर कार्य करते रहना होगा, जब तक सरकार इस मामले में आगे कोई नया निर्णय नहीं लेती।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे इस मामले को संवेदनशीलता के साथ देख रहे हैं और भविष्य में कोई भी निर्णय शिक्षकों के हित में होगा। इस बीच, शिक्षा विभाग का कहना है कि वे स्कूलों में शिक्षण कार्य को सुचारु रूप से चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

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Written by Newsghat Desk

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