HP JBT Bharti: हिमाचल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बीएड डिग्री धारकों को करारा झटका! जेबीटी प्रशिक्षुओं ने किया खुशी का इजहार! पढ़ें क्या है पूरा मामला
HP JBT Bharti: लंबे समय से हिमाचल प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में चर्चा में रह रहा विवाद का अंत होता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई की वह अधिसूचना को अवैध करार दिया है, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य माना गया था।
HP JBT Bharti: हिमाचल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बीएड डिग्री धारकों को करारा झटका! जेबीटी प्रशिक्षुओं ने किया खुशी का इजहार! पढ़ें क्या है पूरा मामला
बता दें कि 2018 में जब एनसीटीई ने अधिसूचना जारी की जिसमें बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य माना गया, तब से ही इस पर विवाद चल रहा था।
राजस्थान हाईकोर्ट ने पहले ही इस अधिसूचना को रद्द कर दिया था। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो उन्होंने भी इसे अवैध माना। इस निर्णय का सीधा प्रभाव हिमाचल प्रदेश के बीएड डिग्री धारक उम्मीदवारों पर पड़ा है, जिन्हें अब जेबीटी टेट के लिए अयोग्य माना गया है।
जेबीटी प्रशिक्षुओं की प्रतिक्रिया:
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद, जेबीटी प्रशिक्षु बेरोजगार संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने इसे स्वागत किया। उन्होंने इसे जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए एक सफलता मानते हुए कहा कि इससे उनकी मेहनत को मान्यता मिली है।
अब आगे: हिमाचल हाईकोर्ट अब इस मामले पर अपना निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए देगा।
एनसीटीई की अधिसूचना के वजह से जेबीटी उम्मीदवारों को चार वर्षों तक अनिश्चितता महसूस हुई, और उन्होंने अपने प्रशिक्षण और परीक्षा में लाखों रुपये खर्च किए।
अब, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद, उम्मीद है कि जेबीटी और बीएड डिग्री धारकों के बीच तनातनी कम होगी।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय भारतीय शिक्षा प्रणाली और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एक अहम मोड़ पर स्थित है।
इसके जरिए, शिक्षा के मानकों और शिक्षक योग्यता को लेकर स्पष्टता लाई गई है। बीएड डिग्री धारकों के लिए जेबीटी टेट की पात्रता को अवैध मानते हुए, न्यायिक प्रक्रिया ने शिक्षा के मानकों की रक्षा की है।