HP Latest News: अब अपनी मांगों को लेकर 2500 शिक्षक उतरेंगे सड़कों पर! SMC शिक्षकों को नियमित करने की मांग
HP Latest News: हिमाचल प्रदेश के 2555 एसएमसी शिक्षक नियमितिकरण की मांग करने के लिए 10 जुलाई को सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं।
शिक्षक संघ का दावा है कि पिछले 12 वर्षों से वे प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में सेवा दे रहे हैं, लेकिन उनका शोषण हो रहा है। संघ ने कहा है कि उन्हें नियमित शिक्षण कार्य के अलावा गैर-शिक्षण कार्य भी करने को कहा जाता है।
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इसके अलावा, शिक्षक संघ ने चुनावी वादा को भी याद दिलाया, जिसमें कांग्रेस ने शिक्षकों को नियमित रूप से नियुक्त करने का वादा किया था।
एसएमसी शिक्षक संघ की कार्यकारी अध्यक्ष संगीता राजपूत ने कहा शिक्षकों के पास कैज़ुअल या मेडिकल लीव का कोई विकल्प नहीं होता है।
गर्मियों और सर्दियों के छुट्टियों के दौरान, एसएमसी शिक्षकों को डेढ़ महीने का वेतन नहीं दिया जाता है। क्योंकि वे पीरियड आधारित शिक्षक होते हैं, उनका निर्धारित वेतन 12 से 15 दिन में समाप्त हो जाता है।
फिर भी, शिक्षा विभाग से पूरे महीने का काम लिया जाता है, परन्तु पूरे महीने का वेतन नहीं दिया जाता है। फिर भी, एसएमसी शिक्षकों पर अतिरिक्त कार्यभार डाला जाता है, जैसे कि मिड डे मील, स्काउट और गाइड, और खेलकूद के कार्यक्रम।
इसके अलावा, कई प्रधानाचार्य अपनी मर्जी से वेतन काट लेते हैं, भले ही पीरियड्स पूरे हो चुके हों। इस मामले में, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को लिखित आवेदन भी दिया गया है, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाई नहीं की गई है। कुछ शिक्षकों को कोरोना संकट के दौरान का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है।
कुल्लू जिले में, पूर्व सरकार ने आठ भाषा शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार ने पीटीए, पैट, पैरा, उर्दू, पंजाबी, और ग्रामीण विद्या उपासकों को नियमित बना दिया है, लेकिन एसएमसी शिक्षकों को नियमित नहीं बनाया और उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।
एक्सीक्यूटिव चेयरमैन ने कहा कि एसएमसी शिक्षकों पर राजनीतिक द्वेष की भावनाओं का सामना करना पड़ रहा है। संगीता राजपूत ने कहा कि दुखी शिक्षकों ने 10 जुलाई को प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।