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HP News: कृषि अवसंरचना कोष के तहत योजनाओं की जिओ टैगिंग में देशभर में अव्वल रहा हिमाचल

HP News: कृषि अवसंरचना कोष के तहत योजनाओं की जिओ टैगिंग में देशभर में अव्वल रहा हिमाचल

HP News: कृषि अवसंरचना कोष के तहत योजनाओं की जिओ टैगिंग में देशभर में अव्वल रहा हिमाचल

HP News: कृषि अवसंरचना कोष के तहत योजनाओं की जिओ टैगिंग में देशभर में अव्वल रहा हिमाचल

HP News: प्रदेश ने महत्वाकांक्षी कृषि अवसंरचना कोष (एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) योजना के कार्यान्वयन में न केवल उल्लेखनीय प्रगति की है, बल्कि पारदर्शिता और निगरानी के महत्वपूर्ण मानक जियो टैगिंग में पूरे देश में पहले स्थान पर है। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य ने कुल 862 वितरित परियोजनाओं में से 94.78% की जियो टैगिंग पूरी करके यह सुनिश्चित किया है कि वित्तीय सहायता का उपयोग सही स्थान और सही उद्देश्य के लिए हो रहा है।

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HP News: कृषि अवसंरचना कोष के तहत योजनाओं की जिओ टैगिंग में देशभर में अव्वल रहा हिमाचल

प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने कोष के तहत आबंटित धनराशि का सही उपयोग तथा इसके तहत स्वीकृत योजनाएं धरातल पर उतारने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। इसी का परिणाम है कि जियो टैगिंग में हिमाचल प्रदेश ने अन्य सभी राज्यों को पछाड़ दिया है। कार्यान्वयन की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जियो टैगिंग एक महत्वपूर्ण मानक है, और हिमाचल प्रदेश इस मोर्चे पर पूरे देश में अव्वल है।

जियो टैगिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा निर्मित की जा रही अवसंरचना परियोजनाओं को भौगोलिक निर्देशांकों के साथ टैग किया जाता है, जिससे उनकी भौतिक प्रगति की निगरानी सुनिश्चित हो सके। प्रदेश में कुल 862 वितरित परियोजनाएं जियो टैगिंग के लिए निर्धारित की गईं। योजना के लिए 925 करोड़ रुपए का आवंटन योजना के तहत किया गया है ।

जिला-वार जियो टैगिंग की स्थिति
जिला- कुल परियोजनाएं- जियो टैगिंग (%)
बिलासपुर-35-94.29
चंबा- 5- 100
हमीरपुर-20-95
कांगड़ा-70-97.14
किन्नौर-32-100
कुल्लू-150-94.67
मंडी-133-92.48
शिमला-287-95.47
सिरमौर-21-100
सोलन-40-100
ऊना-69-86.96
कुल योग-862-94.78

हिमाचल प्रदेश ने वितरित परियोजनाओं में से कुल 94.78 फीसदी जियो टैगिंग का कार्य पूरा कर लिया है। यह प्रभावशाली प्रतिशत राज्य की प्रशासनिक दक्षता और परियोजना निगरानी के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाता है, जिससे यह देश भर में कृषि अवसंरचना कोष (AIF) परियोजनाओं की निगरानी में एक मिसाल कायम कर रहा है। जियो टैगिंग में हिमाचल प्रदेश के पश्चात असम 93.74 फीसदी, पश्चिम बंगाल 87.45 फीसदी, तामिलनाडू 86.54 फीसदी और कर्नाटक 83.51 फीसदी का स्थान आता है।

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यह योजना हिमाचल प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को रूपांतरित करने की अपार क्षमता रखती है। उच्च प्रतिशत की जियो टैगिंग से पता चलता है कि धनराशि का उपयोग लक्षित और सही स्थानों पर हो रहा है, जिससे सुनिश्चित होता है कि कोल्ड स्टोरेज, गोदाम, नर्सरी और प्रसंस्करण इकाइयाँ सीधे किसानों और कृषि उद्यमियों तक पहुँच रही हैं। यह योजना न केवल निवेश ला रही है, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवाचार (जैसे प्रेसिजन फार्मिंग) और नए रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दे रही है।

कृषि में सुधार के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। योजना के तहत किसानों, कृषि-उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों (SHGs), एफ.पी.ओ (farmer producer organisation)., जे.एल.जी (joint liability group) और स्टार्टअप्स सहित अन्य पात्र लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। वित्तीय सहायता के रूप में, टर्म लोन पर 3% का ब्याज अनुदान (अधिकतम 7 वर्ष तक) और क्रेडिट गारंटी (CGTMSE प्रीमियम की प्रतिपूर्ति) जैसे लाभ मिलते हैं।

किसान कैसे लें लाभ
योजना का लाभ किसान सीधे भारत सरकार के पोर्टल https://agriinfra.dac.gov.in/ पर लॉगिन कर ले सकते हैं। सभी कमर्शियल, निजी और पीएसयू बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, कृषि अवसंरचना कोष के तहत 9% ब्याज पर लोन उपलब्ध करवाते हैं और भारत सरकार 3 फीसदी का ब्याज अनुदान 2 करोड़ तक के ऋण में प्रदान करती है। प्रदेश के किसान बैंकों और कृषि विभाग के कार्यालयों से भी इस संबंध में पूछताछ कर सकते हैं।

टीम लीडर, कृषि अवसरंचा कोष (AIF) राजेंद्र शर्मा का कहना है कि कृषि अवसंरचना कोष के स्वीकृत योजनाओं का कुल 94.78% जियो टैगिंग का कार्य पूरा कर लिया है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि वास्तविक लाभार्थियों को कोष के तहत लाभ सुनिश्चित हो और योजनाओं के लाभ धरातल पर भी नजर आए। इसलिए जिओ टैगिंग एक महत्वपूर्ण घटक है और प्रदेश ने इस संबंध में उल्लेखनीय कार्य किया है।

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Written by News Ghat

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