HP News: रूकमणी कुंड से संचालित प्याऊ बनेगा मिसाल! लाखों पर्यटकों और राहगीरों तक पहुंचेगा श्रद्धा और शुद्धता का जल
HP News: चंडीगढ़-मनाली फोरलेन से गुजरने वाले लाखों पर्यटक और राहगीरों के लिए औहर के पास स्थापित नया प्याऊ श्रद्धा, शुद्धता और आधुनिक तकनीक का संगम बनकर सामने आया है। हिमाचल प्रदेश सरकार में नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी की पहल पर जल शक्ति विभाग घुमारवी उपमंडल ने इस प्याऊ की स्थापना की है।
HP News: रूकमणी कुंड से संचालित प्याऊ बनेगा मिसाल! लाखों पर्यटकों और राहगीरों तक पहुंचेगा श्रद्धा और शुद्धता का जल
यहां यात्रियों और स्थानीय लोगों को जो पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है, वह बिलासपुर जिले के पौराणिक और पवित्र रूकमणी कुंड से लाया जाता है और आधुनिक तकनीक से यूवी ट्रीटमेंट द्वारा शुद्ध किया जाता है। खास बात यह है कि पेयजल की गुणवत्ता की जानकारी स्थल पर लगे स्क्रीन पर रियल टाइम में प्रदर्शित होती है, जिससे हर कोई इसकी शुद्धता को देख सके। बिलासपुर जिले का रूकमणी कुंड प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
यहां का जल अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और माना जाता है कि यह त्वचा संबंधी रोगों में लाभकारी है। लोककथाओं के अनुसार बहुत समय पहले जब इस क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ा था, तब रूकमणी नामक एक महिला ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। कहा जाता है कि उनकी आस्था और बलिदान के फलस्वरूप इस स्थान से जलधारा फूट पड़ी जिसने पूरे क्षेत्र की प्यास बुझाई।

तभी से इस स्थान को रूकमणी कुंड कहा जाने लगा और आज भी यह श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंत्री धर्माणी ने कहा कि औहर का यह प्याऊ केवल प्यास बुझाने का साधन नहीं है, बल्कि धार्मिक आस्था का प्रतीक भी है। इस पहल से आने वाली पीढ़ियां हमारी संस्कृति और धरोहर से जुड़ेंगी और जल संरक्षण का महत्व भी समझेंगी।
प्याऊ स्थल पर एक बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है, जिस पर जल शक्ति विभाग सहित प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी लोगों तक पहुंचेगी। जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस प्याऊ का उद्घाटन शीघ्र ही किया जाएगा और इसके बाद इसे स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों को समर्पित कर दिया जाएगा।
यह पहल बिलासपुर की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान देने के साथ-साथ यात्रियों और श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में जल का महत्व किसी से छिपा नहीं है। यह शरीर का लगभग साठ प्रतिशत हिस्सा है और पाचन, पोषण, तापमान नियंत्रण तथा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है।
इसीलिए जल को जीवन का आधार कहा गया है और हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह जल का संरक्षण करे और इसे व्यर्थ न बहाए। औहर के इस प्याऊ के माध्यम से पर्यटक और राहगीर न केवल अपनी प्यास बुझाएंगे, बल्कि उन्हें जल संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का भी गहरा संदेश मिलेगा।
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