HP News: हिमाचल के अमनजोत ने लिखी सफलता की कहानी! विदेश जाने का विचार छोड़ घर में जमाया कारोबार
HP News: ऊना जिले के संतोषगढ़ के 25 वर्षीय अमनजोत सिंह के सपने एक समय धुंधले हो चले थे। कोविड-19 ने विदेश जाने की उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया, और भविष्य की अनिश्चितताओं ने उनके हौसले को झकझोर दिया था। लेकिन उन्हीं अंधेरों में उनके लिए उम्मीद की किरण बनी हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, जिसने उनके जीवन को एक नई दिशा दी।
HP News: हिमाचल के अमनजोत ने लिखी सफलता की कहानी! विदेश जाने का विचार छोड़ घर में जमाया कारोबार
अमनजोत ने इस योजना की मदद से न केवल अपने सपनों को नई उड़ान दी, बल्कि विदेश जाने का विचार छोड़ कर घर में अपना कारोबार जमाया और ‘जन्नत’ नाम से शानदार रेस्टोरेंट खोल कर एक प्रेरक सफलता की कहानी लिखी।
एक ऐसी उम्दा कहानी जो स्वाद, स्वरोजगार और सरकारी सहयोग के शानदार मेल से आज युवा उद्यम का बेहतरीन उदाहरण और अनगिनत युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। अमनजोत सिंह ने मजारा, संतोषगढ़ में पैट्रोल पंप के साथ हाइवे पर ‘जन्नत’ नाम से रेस्टोरेंट खोला है, जहां आप उत्तर भारतीय लजीज व्यंजनों का लुत्फ ले सकते हैं।
सपनों की उड़ान
साल 2020 में ऊना कॉलेज से बीए मैथ्स करने के बाद, अमनजोत विदेश जाने की तैयारी में थे। इसी मकसद से उन्होंने चंडीगढ़ में आईलेट्स की कोचिंग भी ज्वाइन की थी, लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया। वे चंडीगढ़ से लौट आए। उस कठिन दौर में, उन्होंने संतोषगढ़ में एक बड़ा हॉल किराए पर लेकर एक छोटा रेस्टोरेंट शुरू किया। कड़ी मेहनत और दुआओं से यह चल निकला। इस काम में मिली शुरुआती सफलता ने उन्हें इसे बड़े पैमाने पर करने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का संबल
अमनजोत ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में एक दिन अखबार में पढ़ा और इसे अपनी हसरतों को पूरा करने का जरिया बना लिया। उन्होंने योजना के तहत 60 लाख रुपये का लोन लिया, जिसमें उन्हें सरकार से 15 लाख रुपये की सब्सिडी मिली। बाकी मदद परिवार ने की।
उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन पर निर्माण कर 18 अक्तूबर 2023 में ‘जन्नत’ रेस्टोरेंट की शुरुआत की। वे बताते हैं कि रेस्टोरेंट से अभी खर्चे निकाल के करीबन 75 हजार रुपये महीने की आमदनी हो रही है। उन्हें यकीन है कि जैसे जैसे काम बढ़ेगा आमदनी भी बढ़ेगी। तब वे इसे और विस्तार देंगे। उन्होंने खुद के लिए तो स्वरोजगार लगाया ही इसमें 9 अन्य लोगों को रोजगार भी दिया है।
माता-पिता बोले…बड़ा सुकून है बेटे ने विदेश जाने की जिद छोड़ दी
अमनजोत की माता सुखविंदर कौर और पुलिस विभाग में कार्यरत्त पिता रणजीत सिंह बेटे की सफलता से बेहद खुश हैं। अमनजोत उनका इकलौता बेटा है और उनको इस बात की बड़ी तस्सली है कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से मिली मदद के चलते ही उनके बेटे ने विदेश जाने की जिद छोड़ दी। आज अमनजोत परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं। वास्तव में यह जानना वाकई सुखद है कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना प्रदेश से युवाओं के पलायन को रोकने और उन्हें अपने घर में ही रोजगार के अवसर देकर खुशहाल बनाने की मिसाल बन गई है।
आत्मनिर्भर हिमाचल के निर्माता बनें
उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक अंशुल धीमान बताते हैं कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की मदद से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। योजना में एक करोड़ रुपये लागत तक की परियोजनाओं पर 18 से 50 साल की उम्र तक की महिलाओं को 35 प्रतिशत और 18 से 45 साल तक के पुरुषों को 25 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। वे बताते हैं कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में ऊना जिले में बीते दो साल में 87 युवाओं को स्वरोजगार लगाने को 22 करोड़ के लोन दिया गया, जिस पर करीब 4 करोड़ रुपये का अनुदान है।
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