HP News Alert: हिमाचल में प्रधानाचार्यों के लिए आई बड़ी खुशखबरी! हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने लिया ये फैसला! देखें पूरी डिटेल
HP News Alert: हाल ही में, प्रदेश के शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके अनुसार अब केवल वरिष्ठता सूची में शामिल प्रधानाचार्य ही शिक्षा विभाग में उपनिदेशक के पद पर नियुक्त किए जाएंगे।
HP News Alert: हिमाचल में प्रधानाचार्यों के लिए आई बड़ी खुशखबरी! हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने लिया ये फैसला! देखें पूरी डिटेल
इस नई व्यवस्था के तहत, जिन कनिष्ठ प्रधानाचार्यों को पहले शिक्षा उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति दी गई थी, उन्हें अब इस पद से हटाया जाएगा।
इस फैसले का आधार यह है कि पहले कुछ मामलों में राजनीतिक नजदीकियों के आधार पर कनिष्ठ प्रधानाचार्यों को उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति दी गई थी। इससे वरिष्ठ प्रधानाचार्यों में असंतोष फैला था।
इसी कारण से, वर्ष 2021 में प्रदेश के चार स्कूल प्रधानाचार्यों कुलदीप डोगरा, सुनील ठाकुर, विकास महाजन, और इंद्रजीत सिंह ने प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
इस याचिका में उन्होंने बताया कि शिक्षा उपनिदेशक की नियुक्ति में प्रधानाचार्यों की वरिष्ठता को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए, सितंबर 2022 में प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिक्षा उपनिदेशकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। इसके बाद, शिक्षा विभाग से इस मामले पर जवाब भी माँगा गया था।
15 सितंबर 2023 को, प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सतेन वैद्य ने इस मामले को डबल बैंच में सुनवाई के लिए सिफारिश की।
इसके बाद, 13 दिसंबर 2023 को, इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रामचंद्रा राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत में हुई।
इस सुनवाई के बाद, शिक्षा सचिव ने प्रधानाचार्यों को शिक्षा उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति करने के संबंध में वरिष्ठतम प्रधानाचार्यों को प्राथमिकता देने के आदेश जारी किए।
इन आदेशों के अनुसार, अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रारंभिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा और शिक्षा निरीक्षण विंग में उन प्रधानाचार्यों को नियुक्त किया जाएगा, जिनका बतौर प्रधानाचार्य का कार्यकाल एक साल से भी कम नहीं है और जो वरिष्ठता सूची में शामिल हैं।
इस फैसले के बाद, वरिष्ठ प्रधानाचार्यों ने अपनी वरिष्ठता के अनुसार सम्मान और उचित पदोन्नति पाने की उम्मीद जताई है।
इससे शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही सीनियर प्रधानाचार्यों को उनके योग्यता और अनुभव के अनुरूप सम्मान और अवसर प्राप्त होंगे।