HP News Update: सिरमौर के हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती! केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी
HP News Update: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांसगिरि क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र के रूप में घोषित करने के खिलाफ, गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
HP News Update: सिरमौर के हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती! केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी
हाई कोर्ट ने इसे मामले को सुनने योग्य माना और केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों समेत राज्य सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है।
सुनवाई की तारीख 18 दिसंबर निश्चित की गई है, और कोर्ट ने 11 प्रतिवादियों से इस मुद्दे पर उनके जवाब मांगे हैं।
क्या कहती है गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति….
समिति का कहना है कि हाटी समुदाय जनजातीय नहीं है और उन्होंने कभी भी जनजातीय दर्जे का दावा नहीं किया।
उनका आरोप है कि इस दर्जे से उच्च जाति के लोगों को भी लाभ हो रहा है, जो कि अनुसूचित जाति के लोगों के हकों का हनन है।
अनुसूचित जनजाति के नाम पर आरक्षण पाने के लिए एक निश्चित मानदंड पूरा करना जरूरी है। भारत में आरक्षण नीति के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग को क्रमशः 15 और 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है।
हालांकि, एससी और एसटी अधिनियम में संशोधन के बाद से सिरमौर जिले के लोगों को भी आरक्षण मिलने लगा है।
सितंबर 2022 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने की घोषणा की थी।
इसके बाद, 4 अगस्त को जारी एक अधिसूचना के अनुसार ट्रांसगिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजाति में शामिल कर दिया गया। इस फैसले से अनुसूचित जाति समुदायों को आरक्षण में कमी और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।