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HRTC Employee News Update: HRTC कर्मचारियों के समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में आया हाई कोर्ट का बड़ा ! जानें क्या है पूरा मामला

HRTC Employee News Update: HRTC कर्मचारियों के समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में आया हाई कोर्ट का बड़ा ! जानें क्या है पूरा मामला

HRTC Employee News Update: HRTC कर्मचारियों के समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में आया हाई कोर्ट का बड़ा ! जानें क्या है पूरा मामला
HRTC Employee News Update: HRTC कर्मचारियों के समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में आया हाई कोर्ट का बड़ा ! जानें क्या है पूरा मामला

HRTC Employee News Update: HRTC कर्मचारियों के समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में आया हाई कोर्ट का बड़ा ! जानें क्या है पूरा मामला

HRTC Employee News Update: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) के कर्मचारी के वित्तीय लाभ का समय पर भुगतान नहीं करने के लिए निगम के अधिकारियों की खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं।

अदालत ने आदेश दिए हैं कि विभागीय कार्रवाई की जाए और इसे 1 जनवरी 2024 तक पूरा किया जाए।

HRTC Employee News Update: HRTC कर्मचारियों के समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में आया हाई कोर्ट का बड़ा आदेश! जानें क्या है पूरा मामला

HRTC Employee News Update: इसके साथ ही, अदालत ने देरी पर 7% ब्याज देने के आदेश दिए हैं और यह भी कहा है कि यह राशि दोषी अधिकारी से वसूली जाए।

Bhushan Jewellers Nov

1 जनवरी 2024 को इस मामले की सुनवाई होगी। कोर्ट ने निगम से आदेश दिए हैं कि वह प्रार्थी को देय बाकी राशि के साथ 7.30% ब्याज भी दें।

प्रार्थी, रविंद्र, ने अदालत में यह याचिका दायर की थी कि उन्हें नियमित होने के बाद उनकी बाकी राशि नहीं दी गई थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें 25 अगस्त 2006 को सेवादार के पद पर नियमित किया गया था, लेकिन उनकी बाकी राशि का भुगतान नहीं किया गया था।

अदालत ने पहले ही 16 दिसंबर 2022 को यह आदेश दिया था कि प्रार्थी की बाकी राशि का भुगतान छह महीने के भीतर किया जाए। यदि निगम इसका पालन नहीं करता, तो देय राशि पर 7% ब्याज देना होगा।

बायो बोर्ड के सचिव को हाईकोर्ट ने तलब किया है क्योंकि उन्होंने हिमाचल प्रदेश जैव विविधता अधिनियम 2002 का पालन नहीं किया।

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अदालत ने सचिव से पूछा है कि उन्होंने राज्य जैव विविधता बोर्ड से अनुमति लेने के बाद दोषी कंपनियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है। यह मामला 13 जुलाई को सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया है।

इस दिन, सदस्य सचिव को अदालत में हाजिर होने का आदेश है, ताकि वे धारा 23 और 24 के प्रावधानों के तहत अनुमति लेने पर दोषी कंपनियों के खिलाफ उन्होंने क्या कार्रवाई की थी, इसका जवाब दें।

अदालत ने खंडपीठ से यह भी जानने की आवश्यकता जताई है कि धारा 55(2) के तहत दोषी कंपनियों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की गई है।

अदालत को इस बात की जानकारी भी दी गई कि धारा 56 के अनुसार, यदि कोई कंपनी जैविक संसाधनों का उपयोग बिना अनुमति के करती है, तो ऐसी स्थिति में वह कंपनी एक लाख रुपए के जुर्माने के लिए पात्र होती है।

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Written by newsghat

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