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Hybrid Mutual Funds: हाइब्रिड म्युचुअल फंड में करें निवेश! ना रुकेगी कमाई और ना ही डूबेगा पैसा, जानिए धांसू फायदे

Hybrid Mutual Funds: हाइब्रिड म्युचुअल फंड में करें निवेश! ना रुकेगी कमाई और ना ही डूबेगा पैसा, जानिए धांसू फायदे

Hybrid Mutual Funds: हाइब्रिड म्युचुअल फंड में करें निवेश! ना रुकेगी कमाई और ना ही डूबेगा पैसा, जानिए धांसू फायदे
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Hybrid Mutual Funds: हाइब्रिड म्युचुअल फंड में करें निवेश! ना रुकेगी कमाई और ना ही डूबेगा पैसा, जानिए धांसू फायदे

Hybrid Mutual Funds: जब कभी हम निवेश करने की सोचते हैं तो सबसे बड़ा सवाल होता है कि निवेश कहां करें? ऐसे में हाइब्रिड या बैलेंस म्युचुअल फंड एक समझदारी भरा विकल्प साबित होता है। यह फंड एक ही जगह पर शेयर बाजार और डेब्ट दोनों में निवेश करता है, जिससे जोखिम भी बैलेंस रहता है और रिटर्न भी ज्यादा मिलता है और इसलिए इसे हाइब्रिड फंड को बैलेंस फंड भी कहा जाता है।

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किसके लिए बेहतर?

● यह फंड उन निवेशकों के लिए आदर्श फंड है जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं।
● लंबी अवधि में धन प्राप्त करना चाहते हैं।
● शेयर बाजार में पूरी तरह से उतरना भी नहीं चाहते परंतु सुरक्षित रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं।

हाइब्रिड फंड के प्रमुख प्रकार
कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड: कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड में 75% से 90% की राशि डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में निवेश की जाती है और 10% से 25% की राशि इक्विटी में निवेश की जाती है। इसमें जोखिम कम रहता है और आय स्थिर रहती है।

बैलेंस हाइब्रिड फंड: बैलेंस हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेप्ट में 40 से 60% का रेशियो रखा जाता है जिसमें जोखिम और रिटर्न एक बराबर रहते हैं।

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एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में 65% से 80% इक्विटी में और 20% से 35% डेट निवेश में रखा जाता है जिससे रिटर्न ज्यादा मिलता है।

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डायनेमिक ऐसेट एलोकेशन: डायनेमिक एसेट एलोकेशन में मार्केट की स्थिति के अनुसार इक्विटी और डेब्ट का अनुपात घटाया या बढ़ाया जाता है। इस निवेश में बाजार के उतार-चढ़ाव का रियल टाइम लेखा जोखा मेंटेन किया जाता है।

मल्टी ऐसेट एलोकेशन: मल्टी ऐसेट एलोकेशन में आपके निवेश को अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है जैसे कि गोल्ड या इंटरनेशनल लेवरेज।

हाइब्रिड फंड के लाभ

● हाइब्रिड फंड में निवेश करने पर जोखिम कम और रिटर्न ज्यादा होता है।
● इस फंड के माध्यम से आप अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करते हैं।
● यह फंड इक्विटी फंड की तुलना में कम अस्थिर होते हैं।
● इस फंड के निवेश के लिए फंड मैनेजर का मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
● हाइब्रिड फंड निवेश में भी आपको SIP या एकमुश्त राशि से निवेश करने की सुविधा दी जाती है।

हाइब्रिड फंड में निवेश करते समय ध्यान देने योग्य बातें

● हाइब्रिड निवेश करने से पहले हमेशा अपने लक्ष्य की स्पष्टता तय करें।
● जितना जोखिम उठा सके उसी हिसाब से निवेश आरंभ करें।
● किसी भी फंड में निवेश करने से पहले फंड के पिछले 3 से 5 वर्षों के प्रदर्शन को देखें।
● हाइब्रिड फंड में तभी निवेश करें जब एक्सपेंस रेशों कम है वही हाइब्रिड फंड में लॉक इन पीरियड को ध्यान में रखकर निवेश आरंभ करें।

हाइब्रिड फंड में टैक्स के नियम

● हाइब्रिड फंड में इक्विटी यदि 65% से अधिक है तो इक्विटी फंड के टैक्स नियमों के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।
● एक वर्ष से कम समय में निकासी करने पर 15% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है।
● एक वर्ष से अधिक समय के बाद निकासी करने पर 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स लागू होता है।

हाइब्रिड फंड में निवेश किस प्रकार आरंभ करें

● हाइब्रिड फंड में निवेश करने के लिए आपको म्युचुअल फंड की आधिकारिक वेबसाइट से निवेश आरंभ कर सकते हैं।
● इसके अलावा आप चाहे तो विभिन्न मोबाइल एप्स जैसे कि GROWW, ZERODHA COIN, KUBERA ,PAYTM MONEY इत्यादि से निवेश शुरू कर सकते हैं।
● इसके साथ ही आप बैंक या वित्तीय सलाहकार के माध्यम से भी निवेश आरंभ कर सकते हैं।

निष्कर्ष
कुल मिलाकर हाइब्रिड फंड या बैलेंस म्युचुअल फंड एक समझदारी भरा विकल्प साबित होता है। यह फंड आपके जोखिम और रिटर्न दोनों के संतुलन को बनाते हुए आपकी वेल्थ क्रिएशन में आपका साथ देता है।

Written by Newsghat Desk

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