Illegal Mining: हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही ये हैरान कर देने वाली बात! पढ़ें ऐसा क्या बोला गए नेता प्रतिपक्ष
Illegal Mining: विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने प्रदेश में बढ़ते माफियावाद का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि माफियाओं का बोलबाला है और वे अब पुलिस पर भी हमला कर रहे हैं।
इस प्रकरण पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि इन माफियाओं का बचाव कौन कर रहा है और ये गुंडातंत्र कैसे फैल रहा है।
Illegal Mining: हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही ये हैरान कर देने वाली बात! पढ़ें ऐसा क्या बोला गए नेता प्रतिपक्ष
जयराम ठाकुर ने कहा कि खनन माफियाओं का उफान बढ़ रहा है और वे नदियों में अनुचित खनन कर रहे हैं। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो वे पुलिस पर ही हमला कर दिये। यह माफियाओं का अनियंत्रित होना प्रदेश के लिए चिंताजनक है।
सरकार को इस समय खनन माफियाओं की सहायता की बजाय आपदा पीड़ित लोगों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि आज दो सप्ताह बाद भी आपदा पीड़ित लोगों की स्थिति सुधारने की बजाय और बिगड़ गई है। हजारों लोगों को अब तक शुद्ध पेयजल तक प्राप्त नहीं हुआ है। उन्हें अन्य सुविधाओं की उम्मीद भी नहीं है।
जयराम ठाकुर ने सरकार से पूछा है कि प्रदेश में खनन माफियाओं का संरक्षण कौन दे रहा है। यदि ये माफियाएं पुलिस पर हमला करने से डर नहीं रही हैं, तो इसका अर्थ है कि उनकी पकड़ ऊपर तक है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है कि ऐसा हुआ है। खनन माफियाओं ने पहले भी गोलीबारी की है। यह समस्या प्रदेश के एक ही हिस्से में सीमित नहीं है, बल्कि यह समस्या पूरे प्रदेश में फैली हुई है।
इस तरह की घटनाएं आतंकित कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस पर नियंत्रण बनाये, क्योंकि यह हमारी देव भूमि की संस्कृति नहीं है।
जयराम ठाकुर ने उन नेताओं से सवाल किया है जिन्होंने पिछले पांच साल में सिर्फ खनन मुद्दे पर अपनी राजनीति करने की कोशिश की। उन्हें भी जवाब देना चाहिए कि खनन माफियाओं की बढ़ती हुई बर्बरता पर उनकी खामोशी का कारण बताने की ज़रूरत है।
जब आम लोग और अब पुलिस पर भी हमले हो रहे हैं तो यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वे यह सामने लाएं कि इन माफियाओं को आखिरकार किसका संरक्षण मिल रहा है।
यदि यह माफियाओं की उत्पीड़न से नहीं डर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक हो सकती है। इसलिए, सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देने और उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।