Investment Tips: एक बार कर देंगे यहां निवेश तो हर महीने होगी कमाई! ये है मासिक इनकम के लिए खास योजना
Investment Tips: भारत में निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक लोकप्रिय और सुरक्षित विकल्प है। इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है, और आपका पैसा भी सुरक्षित रहता है।
Investment Tips: एक बार कर देंगे यहां निवेश तो हर महीने होगी कमाई! ये है मासिक इनकम के लिए खास योजना
आमतौर पर, FD में एक बार पैसा जमा करके, मैच्योरिटी पर ब्याज सहित पूरी राशि वापस मिलती है। परंतु, इसमें एक खास योजना है, जिसे ‘फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम प्लान’ कहते हैं, जिससे आप हर महीने कमाई कर सकते हैं।
मंथली इनकम प्लान क्या है?
FD में दो प्रकार की स्कीमें होती हैं – कम्युलेटिव और नॉन-कम्युलेटिव। कम्युलेटिव FD में मैच्योरिटी पर पूरी राशि मिलती है, जबकि नॉन-कम्युलेटिव योजना में आप मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर नियमित रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। मंथली विकल्प चुनने पर, हर महीने निर्धारित ब्याज आपके खाते में आता रहता है।
क्या है इस योजना की विशेषताएं…
1. कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं होती।
2. मिनिमम 1000 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं।
3. बाजार के उतार-चढ़ाव से मुक्त, तय ब्याज दर से निरंतर रिटर्न।
4. FD पर लोन सुविधा उपलब्ध।
5. वित्तीय जरूरत पड़ने पर कैश निकालने की सुविधा।
कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?
यह योजना खासतौर पर सीनियर सिटीजंस के लिए उपयुक्त है। जो लोग अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखते हुए, उस पर निरंतर मंथली इनकम चाहते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। नॉन-कम्युलेटिव एफडी में निवेश करने से उन्हें हर महीने या तय अंतराल पर ब्याज के रूप में पैसा मिलता रहता है।
क्या हैं टैक्स नियम
इस योजना में निवेश करके, आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत वार्षिक 1,50,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।
अगर एक वित्तीय वर्ष में मंथली इनकम या रिटर्न 40,000 रुपये से अधिक होता है, तो बैंक 10% TDS काटता है। सीनियर सिटीजंस के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है।
Investment Tips: फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम प्लान एक ऐसी स्कीम है जो निवेशकों को सुरक्षित निवेश के साथ-साथ नियमित आय का भी आश्वासन देती है।
यह सीनियर सिटीजंस के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो अपनी जमा राशि पर नियमित आय चाहते हैं।
इस तरह, यह योजना न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि वित्तीय स्वतंत्रता और स्थिरता भी सुनिश्चित करती है।