Investment tips: म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट से पहले जाने कुछ बुनियादी जानकारी, क्या है Alpha और Beta ?
Mutual फंड में निवेश का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है और बदल भी रहा है| अगर आप भी शेयर मार्केट या mutual फंड में निवेश करते हैं तो आपको कुछ फंडामेंटल पता होना चाहिए| इसलिए आज हम आपको Alpha और Beta से बारे में बताएंगे|
यहां हम गणित वाले अल्फा बीटा की बात नहीं कर रहे हैं यहां हम mutual फंड के अल्फा, बीटा के बारे में बताएंगे|
म्यूचुअल फंड में जब आप किसी फंड का चयन करते हैं तो इसके 5 इंडिकेटर होते हैं जैसे अल्फा, बीटा, आर स्क्वेयर्ड, स्डान्डर्ड डेविएशन और शार्प रेशियो|
Alpha क्या है?
अल्फा किसी फंड का प्रदर्शन दिखाता है, आमतौर पर mutual फंड में अल्फा यह दर्शाता है कि फंड ने बेंचमार्क इंडेक्स से कितना ज्यादा या कम रिटर्न दिया है|
आइए इसे और अच्छे से उदाहरण द्वारा समझे जैसी किसी फंड का बेंचमार्क है 20% और उसने रिटर्न दिया 25% तो इसका मतलब अल्फा 5% होगा| इसका एक और मतलब यह भी होगा कि आपके फंड को फंड मैनेजर ने अच्छे से मैनेज किया है तभी आपको पांच प्रतिशत का रिटर्न मिला है|
यदि इसके विपरीत स्थिति में बेंच मार्क 25% होता और रिटर्न 20% ही होता तो तो यहां आपकी उम्मीद से आपको पांच प्रतिशत कम रिटर्न मिला है| इसलिए जब भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश करें तो इस बात की अवश्य जांच करें कि उसका अल्फा अधिक हो|
यदि किसी फंड का पॉजिटिव अल्फा दो प्रतिशत है तो इसका मतलब है कि उसने बेंचमार्क इंडेक्स 2% ज्यादा रिटर्न दिया है| वही यदि किसी फंड का अल्फा -2% बता रहा है तो यह नेगेटिव होता है|
जब भी आप कोई फंड चुने तो देख ले कि उसका अल्फा कैसा है यदि उसका अल्फा पॉजिटिव है तो समझ सकते हैं कि उसके फंड मैनेजर ने अच्छे से फंड को मैनेज किया है| इस तरह आप पॉजिटिव अल्फा देखकर फंड चुन सकते हैं और अपना पोर्टफोलियो मैनेज कर सकते हैं|
Beta क्या है?
Beta फंड की वोलैटिलिटी को प्रदर्शित करता है| Beta से आप पता लगा सकते हैं कि मूवमेंट पे म्यूच्यूअल फंड कितना सेंसिटिव है| मतलब की वह कितना अधिक ऊपर नीचे जाता है| अगर beta नेगेटिव है तो वोलेटालिटी कम मानी जाती है, वही beta पॉजिटिव है तो वोलेटालिटी अधिक होती है|
आमतौर पर mutual फंड में हम beta का बेंचमार्क 1 को मानते हैं, यदि beta का बेंच मार्क 1 से ज्यादा है तो ज्यादा वॉलेटाइल माना जाता है वही यदि एक से कम है तो कम वॉलेटाइल माना जाता है| जब यह अधिक वॉलेटाइल होता है तो इसमें रिस्क के चांसेज से भी बढ़ जाते हैं लेकिन रिटर्न के चांसेस भी बहुत बढ़ जाते हैं|
यदि आप किसी AMC में निवेश करने का सोच रहे है तो पहले उसका बीटा वेल्यू चेक कर लेना चाहिए| ध्यान रखें beta वेल्यू कभी भी एक से कम ना हो यानी वो माइनस में हो या एक से कम हों| तो यदि एक से कम beta है तो आप उसे ले सकते हैं| वहां आपका रिटर्न जरूर थोड़ा कम हो जाता है लेकिन इसमें जोखिम कम रहता है|
दोस्तों, देश- विदेश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहे आपके अपने न्यूज़ घाट के साथ|
हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newsghat पर और व्हाट्सएप ग्रुप में ज्वाइन होने के लिए @newsghat पर क्लिक करें|