Loan Repayment: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला! राज्य में कर्जदारों को मिली बड़ी छूट! आपको कैसे मिलेगा लाभ एक क्लिक पर देखें पूरी डिटेल
Loan Repayment: प्रदेश में ऋण की अदायगी में एक साल की छूट! हिमाचल प्रदेश सरकार का मानवीय कदम, नियमित ऋण चुकाने वाले आपदा पीड़ितों को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एक साल तक किस्तें नहीं देने की छूट। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में लिया गया यह फैसला, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को मिलेगी राहत…
Loan Repayment: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला! राज्य में कर्जदारों को मिली बड़ी छूट! आपको कैसे मिलेगा लाभ एक क्लिक पर देखें पूरी डिटेल
Loan Repayment: भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने हिमाचल प्रदेश में हालात बिगाड़ दिए हैं। इस दुखद समय में, हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ा और मानवीय कदम उठाया है।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की हाल की बैठक में, नियमित तौर पर ऋण की अदायगी करने वाले आपदा पीड़ितों को एक साल तक किस्तें नहीं देने की छूट दी गई है।
Loan Repayment: मोरेटोरियम क्या है?
मोरेटोरियम एक विशेष अवधि है, जिसके दौरान ऋण लेने वाले व्यक्ति को ईएमआई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह एक प्रकार की अदायगी में स्थगन होता है, जिसे बाद में ऋणी के पक्ष में पुनर्गठित किया जाता है।
Loan Repayment: फैसले का पृष्ठभूमि
हिमाचल प्रदेश में नियमित तौर पर ऋण की अदायगी करने वाले व्यक्तियों को यह छूट देने का फैसला हाल ही आई प्राकृतिक आपदा, जैसे कि बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश के मध्य आया है।
Loan Repayment: राहत उपाय
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के दिशा निर्देशों के अनुसार, इस तरह की राहत केवल उन ऋणियों के लिए है, जो नियमित तौर पर अपनी किस्तें चुकता रहे हैं।
Loan Repayment: सामाजिक उत्तरदायित्व
प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग ने सभी बैंकों से अपील की है कि वे मुख्यमंत्री राहत आपदा कोष में योगदान करें, ताकि आपदा पीड़ितों को और अधिक मदद मिल सके।
इस फैसले से नियमित तौर पर ऋण की अदायगी करने वाले व्यक्तियों को एक बड़ी राहत मिलेगी।
यह कदम सिर्फ ऋणी को आर्थिक राहत प्रदान करने का ही नहीं, बल्कि उनके मानसिक तनाव को भी कम करने में मदद करेगा।
इस फैसले के माध्यम से राज्य सरकार ने दिखाया है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय सरकार लोगों के साथ है। बैंकों की भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे वे अपने ग्राहकों के प्रति जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं।
इससे नियमित ऋण चुकता करने वाले लोग आर्थिक संकट से बाहर आ सकेंगे और उनका मानसिक तनाव भी कम होगा। इसे एक उम्मीद की किरण भी मान सकते हैं, जो आपदा के बाद लोगों को उनके सामान्य जीवन में वापस लौटने में मदद करेगी।