Mutual Fund Investment : मल्टी कैप फंड या फ्लेक्सी कैप फंड! जानिए किसमें है ज्यादा दम और कौन है सही खिलाड़ी
Mutual Fund Investment : म्युचुअल फंड में निवेश करने वाले प्रत्येक निवेशक के सामने निवेश के कई विकल्प सामने आते हैं जैसे कि लार्ज कैप फंड, मिड कैप फंड, स्मॉल कैप फंड और फिर आता है मल्टी कैप फ़ंड और फ्लेक्सी कैप फंड।
Mutual Fund Investment : मल्टी कैप फंड या फ्लेक्सी कैप फंड! जानिए किसमें है ज्यादा दम और कौन है सही खिलाड़ी
मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप म्युचुअल फंड की कैटेगरी में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि यह फंड विभिन्न बड़ी, मध्य और छोटी कंपनियों में निवेश कर संतुलित विकास का वादा प्रदान करते हैं। परंतु अधिकतर निवेशकों को यह समझ में ही नहीं आता है कि मल्टीकैप और फ्लेक्सी कैप में अंतर क्या है और लंबे खेल में कौन सा फंड बेहतर हो सकता है?
मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप के बीच अंतर

● मल्टी कैप यानी फिक्स मेनू वाली थाली और फ्लेक्सी कैप जहां जरूर देखकर मेनू बदला जा सकता है।
● अर्थात मल्टी कैप में हर फंड में बराबर निवेश करना पड़ता है जिसमें लचीलापन कम होता है पर संतुलन ज्यादा होता है।
● फ्लेक्सी कैप में हालात के हिसाब से निवेश करने की छूट होती है, लचीलापन ज्यादा होता है और जरूरी फैसले फंड मैनेजर लेता है।
● मल्टी कैप में न्यूनतम इक्विटी कम से कम 75% होती है वही फ्लेक्सी कैप में कुल इक्विटी कम से कम 65% प्रतिशत होती है।
मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप के नुकसान
● मल्टी कैप में फंड मैनेजर के पास फ्लैक्सिबिलिटी काफी कम होती है। बाजार की स्थिति खराब होने पर नुकसान ज्यादा हो सकता है, वही रिटर्न भी कम मिल सकते हैं।
● वही फ्लेक्सी कैप में मैनेजर के हाथ में ही संपूर्ण निर्णय होता है ऐसे में कई बार गलत निर्णय की संभावना भी बनी रहती है। इसके अलावा फंड मैनेजर के निर्णय की वजह से कई बार जोखिम भी बढ़ जाता है। इस फंड में एक्सपेंस रेशों ज्यादा हो सकता है जिसकी वजह से पोर्टफोलियो बार-बार एडजस्ट करना पड़ता है।
मल्टी कैप या फ्लेक्सी कैप में से कौन सा बेहतर है यह कैसे तय करें?
● यदि आप जोखिम नहीं लेना चाहते और सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं तो मल्टी कैप फ़ंड बेहतर होता है। वही थोड़ा बहुत जोखिम लेते हुए अच्छे अवसर भूनाना चाहते हैं तो फ्लेक्सी कैप में निवेश करें।
● इसके अलावा आप इन्वेस्टमेंट अवधि के आधार पर भी फंड का चुनाव कर सकते हैं मतलब दीर्घकालीन निवेश के लिए फ्लेक्सी कैप चुने और कम अवधि के लिए मल्टी कैप फंड को अपना विकल्प बनाएं।
● किसी भी फंड में निवेश करने से पहले हमेशा अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसके बाद ही जोखिम लेने की क्षमता का निर्धारण करते हुए अन्य तथ्यों पर विचार करें जैसे की फंड मैनेजर, उसकी रणनीति, एक्सपेंस रेशों, पोर्टफोलियो टर्नओवर इत्यादि।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर म्युचुअल फंड में निवेश आरंभ करने के दौरान मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप दोनों ही प्रकार के म्युचुअल फंड अच्छी डायवर्सिफिकेशन देते हैं। दोनों के अपने-अपने फायदे और अपने-अपने नुकसान है। हालांकि निवेशकों के लिए जरूरी है कि वह हमेशा निवेश करने से पहले लक्ष्य, समय सीमा, जोखिम सहनशीलता और फंड मैनेजर की क्षमता के अनुरूप ही निर्णय लें। यदि किसी भी तरह से निवेशक सुनिश्चित नहीं है तो SEBI पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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