Ram V. Sutar : नहीं रहे राष्ट्रीय शिल्पकार राम वी.सुतार! 100 साल की उम्र में निधन, दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति को किया था डिजाइन
Ram V. Sutar : राम वी.सुतार भारत के महान शिल्पकारों में से एक हैं। इनका नाम विश्व स्तर पर भव्य प्रेरणादायक और ऐतिहासिक प्रतिमाओं का निर्माण करने के लिए आज भी याद किया जाता है। इन्होंने अपनी कला से भारतीय मूर्ति और शिल्पकला को केवल ऊंचाइयां ही नहीं दी हैं, बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दी है।

Ram V. Sutar : नहीं रहे राष्ट्रीय शिल्पकार राम वी.सुतार! 100 साल की उम्र में निधन, दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति को किया था डिजाइन
राम वी.सुतार द्वारा गढ़ी जाने वाली धातु की मूर्तियां और विशाल आकार के शिल्प केवल तकनीकि रूप से उन्नत नहीं होते थे बल्कि राष्ट्रीय गौरव और इतिहास के मूल्य की व्याख्या भी करते थे। दुर्भाग्यवश राम वी.सुतार आज ही हमारे बीच नहीं रहे। जी हां, 18 दिसंबर 2025 को राम वी.सुतार जी का निधन उनके नोएडा निवास पर हुआ।
उनकी उम्र लगभग 100 वर्ष बताई जा रही है। उनकी मृत्यु का कारण वृद्धावस्था कहा जा रहा है। उनके देहांत के साथ ही एक ऐसा स्वर्णिम युग समाप्त हुआ है जिसने भारत की मूर्ति कला को वैश्विक मंच पर प्रतिस्थापित किया और राष्ट्रीय स्मारकों के माध्यम से गर्व दिलाया।

कौन थे रामजी सुतार? कैसे बने राष्ट्रीय शिल्पकार?
राम वी.सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 से महाराष्ट्र के धुले जिले के छोटे से गांव गोंडुर में हुआ। वह विश्वकर्मा परिवार से आते हैं, जहां हस्तशिल्प और कलात्मक कार्य पीढ़ियों से किए जाते रहे हैं।
उन्होंने आरंभिक शिक्षा अपने गांव से पूरी की और सर जे.जे स्कूल ऑफ आर्ट्स मुंबई में डिग्री ऑफ आर्ट्स हासिल की। इसके बाद उन्होंने मूर्ति निर्माण का कार्य आरंभ किया और जल्द ही उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिल गई।

राम वी.सुतार ने भारत और विश्व के समक्ष कई महत्वपूर्ण और विश्व प्रसिद्ध प्रतिमाएं तैयार की है।
● जैसे की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा- स्टैचू ऑफ यूनिटी जिसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का दर्जा मिल चुका है।
● बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास स्थित स्टैचू आफ प्रोस्पेरिटी जो समृद्धि के प्रतिक के रूप में सम्मानित की जा चुकी है।
● इसके अलावा भारत की विधान सभा, सांसद परिसरों और विश्व भर में महात्मा गांधी की मूर्तियां राम वी.सुतार ने ही बनाई हैं।
● इसके अलावा उन्होंने देश भर में ऐतिहासिक और राजनीतिक जगहों पर जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, भगत सिंह जैसे अन्य ऐतिहासिक व्यक्तियों की भी मूर्तियां बनाई हैं।
अनगिनत राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत
राम वी.सुतार को उनके जीवन कार्य के लिए भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
● 1999 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार दिया गया।
● 2016 में उन्हें कलाकार और शिल्पकार के रूप में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
● इसके साथ ही उन्हें संस्कृत सद्भावना के लिए टैगोर अवॉर्ड से भी नवाजा गया है।
● 2025 में उन्हें महाराष्ट्र भूषण के रूप में महाराष्ट्र सरकार का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी दिया गया।
निष्कर्ष
राम वी.सुतार केवल एक मूर्तिकार नही थे, बल्कि वह भारतीय इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना के शिल्पकार थे। उनकी बनाई प्रतिमाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी और भारत की पहचान को वैश्विक मंच पर इसी तरह मजबूत करती रहेगी। उनके निधन से एक युग का अंत जरूर हुआ है परंतु उनकी कला विचार और विरासत सदैव जीवित रहेंगे।
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