

Best Way Of Investment: निवेश के लिए PPF, ELSS या FD कौन सा विकल्प है सबसे बेहतर! यहाँ जाने
Best Way Of Investment: हर व्यक्ति जो एक सीमित आय कमाता है वह अपने पैसे को निवेश जरूर करना चाहता है। हर एक रुपया जो निवेश किया जाता है वह किसी खास लक्ष्य और जरूरत के साथ निवेश किया जाता है। जब बाजार की उथल-पुथल भविष्य की अनिश्चितता सामने हो तब ऐसे समय हमें यह भी देखना होता है कि हम कहां निवेश कर रहे हैं? क्योंकि सुरक्षित निवेश ही सही विकल्प नहीं होता।

Best Way Of Investment: निवेश के लिए PPF, ELSS या FD कौन सा विकल्प है सबसे बेहतर! यहाँ जाने
निवेश हमेशा लक्ष्य अनुकूलित, समय अनुकूलित, और जोखिम अनुकूलित भी होता है। इसी वजह से निवेश करते समय ELSS, PPF, FD जैसे विकल्पों में विचार किया जाता है। जी हां और आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे जहां बताएंगे कि यदि आप किसी उद्देश्य से निवेश करते हैं तो आपके लिए कौन सा निवेश विकल्प सही होगा?
ELSS:
● ELSS मतलब इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, यह म्युचुअल फंड की ही एक शाखा होती है जो 80% शेयर में निवेश करती है।
● इनमें लॉक इन अवधि 3 वर्ष होती है।
● इस निवेश के पिछले रिकॉर्ड से पता चलता है कि पिछले 5 वर्षों में इसने 20% से ज्यादा सालाना वृद्धि दिखाई है।
● हालांकि यह इक्विटी से जुड़ा होता है तो इसमें जोखिम बहुत ज्यादा होता है परंतु रिटर्न भी अत्यधिक होता है।
● तो यदि आप जोखिम लेने में सक्षम है और ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो अपनी आय का कुछ हिस्सा ELSS में अवश्य लगाएं।

PPF:
● PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड जो एक प्रमाणित सरकारी सुरक्षा योजना है, जो मूलधन पर एक निश्चित दर से ब्याज देती है।
● इस ब्याज दर में समय-समय पर सरकार द्वारा बदलाव किया जाता है।
● इसमें लॉक इन अवधि 15 वर्ष की होती है।
● वर्तमान में सरकार इस पर 7.10% का ब्याज दे रही है।
● इसमें रिस्क न के बराबर होता है और टैक्स छूट भी मिलती है।
● यदि आपका लक्ष्य सुरक्षित और लंबे समय के लिए पूंजी को बनाए रखना है जहां जोखिम काफी कम हो तो यहां भी आएगा कुछ हिस्सा जरूर लगाना चाहिए।
फिक्स्ड डिपॉजिट:
● FD यह बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं द्वारा संचालित विशेष योजना है जहां ग्राहकों को सुरक्षित निवेश विकल्प दिए जाते हैं।
● हर बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर अलग-अलग होती है।
● फिक्स्ड डिपॉजिट में लॉक इन अवधि अलग-अलग योजनाओं की पर निर्भर कर सकती है जो न्यूनतम 3 महीने की भी होती है।
● इसमें बैंक में स्थिति अनुसार अधिकतम 7.75% वार्षिक रिटर्न दिया जा रहा है।
● रिस्क की बात करें तो फिक्स डिपॉजिट पर रिस्क बहुत कम होता है।
● परंतु फिक्स डिपाजिट के ब्याज पर टैक्स जरूर लगता है।
● यदि आपका लक्ष्य केवल पूंजी की सुरक्षा करना है और कम ब्याज से भी आपको कोई दिक्कत नहीं तो फिक्स डिपाजिट का विकल्प सही विकल्प साबित होता है।


निष्कर्ष
कुल मिलाकर इन तीनों विकल्पों में से निवेश विकल्प चुनने से पहले हमेशा अपनी आयु, जोखिम लेने की क्षमता, अपने लक्ष्य, अपना निवेश का उद्देश्य और भविष्य की रणनीति को तय करें। उसके बाद ही निवेश के सही विकल्प चुने। परंतु विशेषज्ञों की माने तो हर विकल्प को चुनकर थोड़ा-थोड़ा पैसा सभी में लगाने पर डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है जिससे रिटर्न और सुरक्षा दोनों ही सुनिश्चित होती है।
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