Paonta Sahib: गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल में यूं मनाया गया नेशनल रीडिंग, एसडीएम ने किया बच्चों को जागरूक
Paonta Sahib: गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल, पांवटा साहिब में पढ़ो और बढ़ो के नारे को साकार करने के लिए नेशनल रीडिंग डे धूमधाम से मनाया गया।
बता दें कि इस वर्ष सन 2023 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन अपना 28 वां नेशनल रीडिंग डे मना रहा है। यह दिन पीएन पैनिकर को समर्पित है जिन्होंने केरल में पुस्तकालय आंदोलन आरंभ कर लगभग 6000 पुस्तकालय जोड़े। उनकी पुण्यतिथि 19 जून को नेशनल रीडिंग डे के रूप में मनाई जाती है।
इस बार इसे 19 जून से 25 जून तक रीडिंग सप्ताह तथा 19 जून से 18 जुलाई तक रीडिंग मास के रूप में मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए नगर के एसडीएम गुंजित सिंह चीमा गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल के परिसर में पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने अपने निजी जीवन के अनुभवों को रेखांकित करते हुए छात्रों को पत्र पत्रिकाएं, अखबार तथा पाठ्यक्रम के अतिरिक्त पुस्तकें पढ़ने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके जीवन की सफलता का रहस्य रीडिंग में ही छिपा है। इसके अतिरिक्त उन्होंने युवा छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें। लक्ष्य विहीन जीवन व्यर्थ है।
उन्होंने युवा छात्रों से नशे से दूर रहने की अपील भी की और यह भी कहा कि मोबाइल भी एक नशे के समान है जो हमारी युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। छात्रों को अपना समय क्रियात्मक और सृजनात्मक कार्यों में लगाना चाहिए ताकि वे समाज के लिए उपयोगी सिद्ध हो सके।
स्कूल में इस अवसर पर रीडिंग का महत्व बताते हुए भाषण प्रतियोगिता, नारा लेखन, पोस्टर मेकिंग आदि अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया।
स्कूल की प्रधानाचार्या गुरविंदर कौर चावला ने रीडिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नेशनल रीडिंग डे “सब पढ़ो -सब बढ़ो “की अवधारणा को साकार करने का एक उत्तम प्रयास है। पढ़ना सोचना और समझना एक ही सिक्के के कई पहलू है।
पुस्तकें वे साथी हैं जो जीवन को आनंद और ज्ञान से भर देती हैं। उन्होंने इस मौके पर छात्रों को पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि अच्छी पुस्तक एक सच्चे मित्र के समान है जो सदा हमारा पथ प्रदर्शन करती है। पढ़ने मे रुचि जगाने के लिए ही इस दिन का आयोजन किया जाता है।
स्कूल के डायरेक्टर गुरजीत सिंह सैनी ने भी छात्रों को रीडिंग तथा पुस्तकालय का महत्व बताते हुए कहा कि यह भी सत्य है कि आज इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के इस युग में रीडिंग का महत्व कम होता जा रहा है।
लेकिन छात्रों को यह बात समझाने होगी कि पुस्तकों के बिना उच्चतम तकनीक भी व्यर्थ है।इस उच्चतम तकनीक का आधार भी पुस्तके ही हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ने को अपनी एक नियमित आदत बनाने का आह्वान किया।