Paonta Sahib: पांवटा साहिब में तेज़ी से किया जा रहा स्मार्ट मीटर लगाने का काम! मिलेंगे कई लाभ
Paonta Sahib: विद्युत मंडल पांवटा साहिब के अंतर्गत विभिन्न उपमंडलों में पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक मीटरों को हटाकर उपभोक्ताओं को आधुनिक, पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से उन्नत स्मार्ट मीटर से जोड़ने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यह कार्य उपमंडल पांवटा साहिब नंबर-01 एवं उपमंडल पांवटा साहिब नंबर-02 सहित अन्य क्षेत्रों में तेज़ी से किया जा रहा है। यह कार्य हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (HPSEBL) की ओर से अधिकृत एजेंसियों M/s Apraava एवं M/s Sharma Creations को सौंपा गया है, जो HPSEBL की ओर से यह कार्य कर रही हैं। ऐसे में आम जनता से अनुरोध किया गया है कि वे इन एजेंसियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करें, जिससे कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। यह भी स्पष्ट किया गया है कि बिजली मीटर एक सरकारी संपत्ति है, और उसका प्रतिस्थापन एक सरकारी कार्य है, जो प्रदेश स्तर पर लागू योजनाओं के अंतर्गत उपभोक्ताओं के हित में किया जा रहा है।
उपभोक्ताओं से नहीं वसूली जा रही मीटरों की लागत
कुछ मामलों में यह गलतफहमी भी सामने आई है कि मीटरों की लागत उपभोक्ताओं से वसूली जा रही है। यह पूरी तरह से भ्रामक और असत्य जानकारी है। स्मार्ट मीटरों की स्थापना पूरी तरह से निशुल्क है, जिसकी समस्त लागत HPSEBL द्वारा वहन की जा रही है। उपभोक्ताओं को इसके लिए कोई भुगतान नहीं करना है।

विभागीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे लोग
हालांकि, विद्युत मंडल पांवटा साहिब के अंतर्गत कुछ क्षेत्रों जैसे भंगानी, सिंहपुरा, खोड़ोंवाला, विद्युत अनुभाग भंगानी, विद्युत अनुभाग राजपुरा, मेन कफोटा, राजबन, प्रेम विहार कॉलोनी, केदारपुर, विद्युत अनुभाग बद्रीपुर, जन्नत स्टोर के पास, गीता भवन के पास, वाई पॉइंट, बस स्टैंड के पास, मानल , मिस्सरवाला आदि क्षेत्रों में विभागीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने की घटनाएं सामने आई हैं। यह न केवल सरकारी कार्य में हस्तक्षेप है, बल्कि कानूनन भी यह एक दंडनीय अपराध है। यदि कोई उपभोक्ता स्मार्ट मीटर प्रतिस्थापन कार्य में जानबूझकर बाधा उत्पन्न करता है या एजेंसियों को सहयोग नहीं करता है, तो उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 132 के अंतर्गत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्मार्ट मीटरों से मिलेंगे लाभ
स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं को कई लाभ प्राप्त होंगे, जैसे कि – सटीक एवं वास्तविक बिलिंग, रियल टाइम खपत की जानकारी, बिजली चोरी पर नियंत्रण, रिमोट कनेक्शन/डिसकनेक्शन सुविधा और ऊर्जा की बेहतर निगरानी। इससे उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत को स्वयं नियंत्रित कर सकेंगे और अनावश्यक बिल विवादों से बचा जा सकेगा।