Paonta Sahib: सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर किया प्रदर्शन! सरकार डॉक्टरों से किए वायदे पूरे करे: डॉ एवी राघव
Paonta Sahib: हिमाचल प्रदेश सहित जिला सिरमौर के सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर लड़ाई जारी रखते हुए आज काले बिल्ले लगा कर रोष प्रदर्शन किया है।
Paonta Sahib: सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर किया प्रदर्शन! सरकार डॉक्टरों से किए वायदे पूरे करे: डॉ एवी राघव
जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के वरिष्ठ डॉक्टर डॉक्टर एवी राघव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर उन्होंने पांच सूत्रीय मांग पत्र पर विस्तार से चर्चा की कर काले बिल्ले लगा कर एक रोष प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 3 जून को हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की संयुक्त संघर्ष समिति को आश्वासन दिया था कि भविष्य में चिकित्सकों की नियुक्ति के समय एनपीए को पुनः संलग्न कर दिया जाएगा लेकिन धरातल पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति में इसे नहीं जोड़ा गया है।
जिससे इस वर्ग में खासा रोष है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अनुबंध पर नियुक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों को 33660 रुपए वेतन के रुप में देय जोकि पूरे भारतवर्ष में सबसे कम है और साथ ही एक बहुत ही दुखद विषय भी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 3 जून को एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का भार भी पुणे स्वास्थ्य निदेशक को लौटने की बात कही थी।
इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधीक्षक की शक्तियों को भी संशोधन के साथ लौटाने के लिए सहमति जताई थी, परंतु मुख्यमंत्री के वायदों को सात महीने बीत जाने के बाद भी पालन न होने पर चिकित्सा समुदाय में भारी रोष है।
डा राघव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में लगभग डेढ़ वर्षों से खंड चिकित्सा अधिकारी जिला चिकित्सा अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर्स के पदों पर पदोन्नति नहीं हुई है।
इस संदर्भ में उन्हें केंद्रीय सरकार की तर्ज पर डायनेमिक करियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत लाभ प्रदान किए जाएं।
हिमाचल प्रदेश में चिकित्सक दुर्गम क्षेत्रों में भी दिन. रात अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और उन्हें व केंद्रीय सरकार या बिहार जैसे अन्य राज्यों की अपेक्षा में बहुत ही कम वेतन दिया जा रहा है और उनके बाद एनपीए को पेंशन की गणना से हटाना भी एक दुर्भाग्यपूर्ण विषय है।
डा. राघव ने मुख्यमंत्री से संघ की ओर से आग्रह किया है कि जो पहले से चिकित्सकों को से मिलता आ रहा है उसे यथावत पुनः प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के वायदों का धरातल पर क्रियान्वित न होने के चलते हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ 18 जनवरी से काले बिल्ले लगाकर अपना रोष प्रकट करेगा और आगे की रणनीति अग्रिम बैठकों के अनुसार तय करेगा।
इसके साथ उन्होंने सेवा विस्तार पर भी तुरंत रोक लगाने की गुहार सरकार से लगाई है। उन्होंने कहा कि इस अवैध सेवा विस्तार से जहां पदोन्नति के अवसर समाप्त हो रहे हैं वहीं नए युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है जोकि कतई सही नहीं है।
उन्होंने बताया यदि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो भविष्य में उन्हें कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पड़ सकती है।