Parenting Tips: क्या बोतल से दूध पिलाने की आदत आपके बच्चे को बीमार बना रही है? जानिए इसके खतरनाक परिणाम और सही उपाय
बच्चों के लिए मां का दूध क्यों है सबसे बेहतर? जानें बोतल से दूध पिलाने के खतरनाक साइड इफेक्ट्स
Parenting Tips: बच्चों की देखभाल में कई बार माता-पिता सुविधाजनक विकल्पों का सहारा लेते हैं। बोतल से दूध पिलाना भी एक ऐसा विकल्प है, जिसे कई माताएं अपनाती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, बोतल से दूध पिलाने से बच्चों को कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बोतल से दूध पिलाने के नुकसान
1. मोटापे का खतरा
बोतल से दूध पीने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। खासकर, जब उन्हें पाउडर वाला दूध या जानवरों का दूध दिया जाता है। यह समस्या बाद में गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है।
2. इंफेक्शन का खतरा
बोतल से दूध पीने वाले बच्चों को डायरिया, छाती में संक्रमण और यूरिन इंफेक्शन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बोतल की सफाई में लापरवाही इन समस्याओं को बढ़ा सकती है।
3. निप्पल कंफ्यूजन
न्यूबॉर्न बच्चों को बोतल से दूध पिलाने से वे ब्रेस्टफीडिंग से दूर हो जाते हैं। इससे मां का दूध पीने की आदत बदल सकती है, जो उनके विकास के लिए आवश्यक है।
4. लंग्स कमजोर होना
बोतल से दूध पीने वाले बच्चों के फेफड़े कमजोर हो सकते हैं। यह सांस लेने में तकलीफ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
5. विकास में धीमापन
प्लास्टिक की बोतल से दूध पीने वाले बच्चों के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच सकता है। यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास को धीमा कर सकता है।
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क्या हैं बचाव के उपाय…..
1. पंपिंग तकनीक अपनाएं
वर्किंग मदर्स अपने दूध को पंप करके स्टोर कर सकती हैं। यह बच्चों को मां के दूध का पोषण देने का सबसे सुरक्षित तरीका है।
2. हाइड्रेटेड और पोषण युक्त आहार
मां को हाइड्रेट रहना और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। यह दूध की गुणवत्ता और मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है।
मां का दूध क्यों है जरूरी?
मां का दूध शिशु के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। यह उनकी सभी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।