Parenting Tips: बच्चे जिद्दी या माता पिता! आइए जानते हैं असली समस्या क्या है | कैसे पहचानें और समाधान करें
गलत माता-पिता की आदतें: बहुत बार होता है कि माता-पिता अपने बच्चे को जिद्दी मानते हैं, लेकिन वास्तविकता में वे स्वयं जिद्दी होते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे पता लगाया जाए कि माता-पिता जिद कर रहे हैं।
परवरिश की सलाह: हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनका बच्चा बड़ा होकर अच्छा और सफल व्यक्ति बने। इसी प्रयास में, माता-पिता बच्चे के प्रति कठोर होने लगते हैं, जो बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
Parenting Tips: बच्चे जिद्दी या माता पिता! आइए जानते हैं असली समस्या क्या है | कैसे पहचानें और समाधान करें
दूसरी ओर, जब बच्चा किसी बात पर अड़ जाता है, तो माता-पिता कहते हैं कि वह जिद कर रहा है, लेकिन जब वे स्वयं किसी बात पर नहीं मानते, तो उनकी जिद को मानने से इनकार कर देते हैं और दोष बच्चे पर ही डाल देते हैं।
क्या कहीं आप भी ऐसे ही जिद्दी माता-पिता तो नहीं? जानिए, जिद्दी माता-पिता की पहचान कैसे की जाती है।
जिद्दी माता-पिता के ये होते हैं लक्षण
‘ना’ पर अटक जाना
ऐसी बहुत सारी बातें होती हैं, या बच्चों की कुछ इच्छाएं होती हैं जो माता-पिता के नजर में गलत लगती हैं, और इसीलिए वे इसे तुरंत खारिज कर देते हैं।
हालांकि, कई बार ये चीजें बच्चे के लिए लाभकारी हो सकती हैं और उनकी खुशी पर प्रभाव डाल सकती हैं।
ऐसे में, माता-पिता को सीधे ना कहने के बजाय, हां और ना के बीच का कोई मध्यम मार्ग ढूंढना चाहिए। हालांकि, ‘ना’ पर अटकना माता-पिता की जिद का एक उदाहरण होता है।
अपनी बात को अटल बना देना
माता-पिता का अपना एक आत्मसम्मान होता है, जो कई बार अहंकार बन जाता है। यदि माता-पिता बच्चे के लिए कोई निर्णय लेते हैं और बच्चे कहते हैं कि वे उसे मानना नहीं चाहते, तो माता-पिता जिद में अटक जाते हैं।
माता-पिता को कई बार लगता है कि यदि वे थोड़ा सा भी समझौता करें, तो यह बच्चों के सामने उनकी हार हो जाएगी।
इसलिए, माता-पिता अपनी बात को अटल बना देने की जिद करते हैं, जो की उनकी जिद का दूसरा उदाहरण है।
बच्चे से माफी मांगने में हिचकिचाहट
बच्चे, चाहे वे छोटे हों या बड़े, सामान्यतया कई गलतियां करते हैं। वे अपनी गलती के लिए माफी भी अपने माता-पिता से ही मांगते हैं।
इस परिस्थिति में, यदि माता-पिता उन्हें माफ नहीं करते हैं सिर्फ़ इसलिए कि वे दोबारा ऐसी गलती ना करें, तो यह गलत है। ऐसी कठोरता और सबक सिखाने की जिद बच्चों पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
अच्छे कार्यों की प्रशंसा ना करना
कई बार, कठोरता दिखाने के चक्कर में माता-पिता बच्चों की खुलकर प्रशंसा नहीं कर पाते हैं। इससे बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लगता है।
इसलिए, माता-पिता को चाहिए कि वे अपनी किसी भी तरह की जिद या नाराजगी छोड़कर, बच्चों के अच्छे कामों की सराहना करें।