Personal Loan: क्या है पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर! कर्ज से मिलेगी राहत, कम होगी EMI
Personal Loan: आज के समय में पर्सनल लोन एक बहुत बड़ी जरूरत बन चुका है। चाहे मेडिकल इमरजेंसी हो या बच्चों की पढ़ाई, शादी का खर्च हो या कोई अचानक से आया खर्चा लेकिन जब EMI बोझ बनने लगती है तो हम सब परेशान होने लगते हैं और ऐसी स्थिति में राहत बनकर आता है पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर……
Personal Loan: क्या है पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर! कर्ज से मिलेगी राहत, कम होगी EMI
यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जब आप पुराने महंगे लोन को एक नई बैंक या फाइनेंशियल संस्था में ट्रांसफर कर देते हैं, जहां कम ब्याज दर चार्ज की जाती है। यह एक ऐसा तरीका है जहां आपकी EMI कम हो जाती है, ब्याज घट जाता है और आपके पैसे की बचत होती ही है साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है।

आइए आसान भाषा में समझते हैं पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर आखिर है क्या
जब कभी पर्सनल लोन लिया जाता है तब कई NBFC और बैंक आपको बैलेंस ट्रांसफर जैसी सुविधा उपलब्ध कराती हैं। यह बैलेंस ट्रांसफर एक ऐसी सुविधा होती है जहां आप नए ऋणदाता के पास अपना लोन शिफ्ट कर देते हैं।

उदाहरण के लिए यदि आपने किसी एक बैंक से 18% ब्याज पर लोन लिया और 1 साल बाद आपको किसी ऐसी बैंक के बारे में पता चलता है जो 12% की ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करा रही है और आपको यह बैंक बैलेंस ट्रांसफर करने का ऑफर भी दे रही है तो आप पुराने ऋण दाता से लिया हुआ लोन नई बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं।
जहां नई ऋणदाता कम्पनी आपका लोन पुराने बैंक को चुका देती है जिसकी वजह से अब आपको 18% ब्याज नहीं बल्कि 12% ब्याज चुकाना होगा। हालांकि इसके लिए आपको नई बैंक को कुछ प्रतिशत का प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा जो कि केवल एक बार का भुगतान होगा परंतु अगले कुछ सालों के लिए आपको 6% की ब्याज छूट मिलेगी।
बैलेंस ट्रांसफर के क्या फायदे होते हैं
● बैलेंस ट्रांसफर का सबसे बड़ा फायदा होता है ब्याज में बचत क्योंकि एक बैंक यदि आप से ₹20000 EMI ले रही है और उसकी जगह दूसरी बैंक केवल ₹15000 EMI ले रही है तो आपकी ₹5000 की मासिक बचत हो सकती है।
● ब्याज कम होने की वजह से EMI की रकम भी कम हो जाती है जिससे मासिक बचत बढ़ जाती है। इसके अलावा कुछ बैंक और NBFC बैलेंस ट्रांसफर के साथ-साथ आपको टॉप अप लोन भी उपलब्ध कराती हैं।
● कई बार कुछ बैंक और NBFC बैलेंस ट्रांसफर करने पर प्रोसेसिंग फीस माफ करती है और EMI पर छूट भी देती है साथ ही बेहतर कस्टमर सर्विस सपोर्ट भी मिलता है।
बैलेंस ट्रांसफर के दौरान कौन सी बातों का ध्यान रखना जरूरी है
● बैलेंस ट्रांसफर के दौरान कुछ बातें विचार करने योग्य होती है जैसे कि फोरक्लोजर, प्रोसेसिंग फी इत्यादि क्योंकि पुराने ऋणदाता ऋण क्लोज करने पर कई बार कुछ हद तक शुल्क वसूलते हैं।
● वहीं नए ऋणदाता लोन शुरू करने से पहले प्रोसेसिंग शुल्क भी लेते हैं।
● बैलेंस ट्रांसफर सुविधा शुरू करने से पहले लोन की अवधि देखना भी जरूरी होता है।
● वही यह भी देखना जरूरी है की नई बैंक आप पर कौन सी शर्तें लाद रही हैं।
बैलेंस ट्रांसफर की प्रक्रिया कैसे की जा सकती है
बैलेंस ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको नए ऋणदाता कंपनी का चुनाव करना होगा।
नए ऋण दाता द्वारा दिए गए ब्याज ऑफर, अवधि, फीस इत्यादि पर विचार करना होगा।
इसके बाद आपको अपने पुरानी ऋण दाता कंपनी या बैंक में फोरक्लोजर का फॉर्म भरना होगा।
आपके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बैंक आपकी क्रेडिट योग्यता जांचता है।
इसके बाद पुराने ऋणदाता को नया बैंक कर्ज चुका देता है और नई EMI शेड्यूल पर आपका लोन रीपेमेंट शुरू हो जाता है।
अर्थात अब आपको नए बैंक को EMI का भुगतान करना होगा
निष्कर्ष
कुल मिलाकर यदि आपके पास अच्छा क्रेडिट स्कोर है और कोई बैंक या NBFC आपको कम ब्याज दर पर बैलेंस ट्रांसफर का अच्छा ऑफर उपलब्ध करा रहा है तो यह एक समझदारी भरा सौदा हो सकता है। जहां आप सही तरीके से योजना बनाकर पैसे तो बचा ही सकते हैं वही मानसिक शांति भी प्राप्त कर सकते हैं।

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