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Personal Loan vs Overdraft Facility: बैंक खाते में नही है पैसा फिर निकाल सकते हैं पैसा, यहां क्लिक कर जान लें क्या है नियम

Personal Loan vs Overdraft Facility: बैंक खाते में नही है पैसा फिर निकाल सकते हैं पैसा, यहां क्लिक कर जान लें क्या है नियम
Personal Loan vs Overdraft Facility: बैंक खाते में नही है पैसा फिर निकाल सकते हैं पैसा, यहां क्लिक कर जान लें क्या है नियम

Personal Loan vs Overdraft Facility: बैंक खाते में नही है पैसा फिर निकाल सकते हैं पैसा, यहां क्लिक कर जान लें क्या है नियम

Personal Loan vs Overdraft Facility: अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़ जाए तो पर्सनल लोन ही बेहतर विकल्प नज़र आता है। लेकिन अधिकतर बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों अपने ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी देती है।

लेकिन अधिकतर ग्राहकों को इसकी जानकारी नहीं होती इस कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पाते। आज हम यहां आपसे इसी बारे में बात करेंगे और नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

Personal Loan vs Overdraft Facility: बैंक खाते में नही है पैसा फिर निकाल सकते हैं पैसा, यहां क्लिक कर जान लें क्या है नियम

Personal Loan vs Overdraft Facility: तो आइए शुरू करते हैं, कई बार आप ऐसी परिस्थितियों से गुजरते हैं, जब अचानक से आपको पैसों की जरूरत पड़ जाती है और आपका बैंक खाता खाली होता है।

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ऐसी परिस्थिति में लोग पर्सनल लोन का विकल्प चुनते हैं। इसका बड़ा कारण ये है कि नही जानते हैं कि वे बिना लोन लिए भी अपनी पैसों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

अधिकतर बैंकों की तरफ से मिलने वाली इस सुविधा की मदद से ग्राहक बैंक अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी फंड निकाल सकते हैं।

ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा देती है। अगर आप सोच रहे हैं कि ये कैसे संभव है तो आइए जानते हैं क्या है ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी, इस बारे में नियम और शर्तें क्या है और आप कैसे उठा सकते हैं इस खास सुविधा का लाभ ? तो आइए आगे बताते हैं…

Personal Loan vs Overdraft Facility: बैंक की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी क्या है…
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अधिकतर बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां अपने ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करती हैं। जिससे ग्राहक अपने खाते में मौजूद राशि से अधिक रकम निकाल सकते हैं। दरअसल ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी भी एक तरह का लोन ही होता है। लेकिन दोनों में काफी फर्क होता है।

Personal Loan vs Overdraft Facility: लोन और ओवरड्राफ्ट में क्या फर्क होता है

लोन और ओवरड्राफ्ट में क्या फर्क होता है इस बारे में बात करते हैं, लोन और ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में कुछ बड़े फर्क है। सबसे पहले लोन में जहां ब्याज का गणना मासिक आधार पर की जाती है।

वहीं ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में ब्याज की गणना दैनिक आधार पर होती है। इसलिए ओवरड्राफ्ट पर आपको ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है।ब्याज की दर क्या होगी ये आपको मिली ओवरड्राफ्ट की रकम और बैंक पर निर्भर करता है।

Personal Loan vs Overdraft Facility: दो तरह का होता है ओवरड्राफ्ट

ओवरड्राफ्ट सुविधा मुख्य तौर पर दो तरह की होती है। पहली नंबर पर आता है सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट। सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट के तहत ग्राहकों का कुछ न कुछ गिरवी रखा जाता है, जैसे एफडी, शेयर, घर, बीमा आदि।

दूसरी नंबर पर नॉन अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट आता है। इसमें अगर आपके पास गिरवी रखने के लिए कुछ नहीं है तो भी आपको ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी। लेकिन इसके लिए प्रक्रिया थोड़ा अलग हो जाती है।

इसे ही अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट कहा जाता है। इस अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट के मामले में आप क्रेडिट कार्ड की सहायता से फंड विदड्रॉल कर सकते हैं।

Personal Loan vs Overdraft Facility: कैसे मिलेगा ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ

बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों से ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए ग्राहक के पहले आवेदन करना पड़ता है। बैंक अपने कुछ ग्राहकों को ये फैसिलिटी प्री-अप्रूव्ड बेसिस पर देती हैं।

आम तौर पर ग्राहक नेट बैंकिंग या फिर बैंक की शाखा जाकर इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। यहां जान लें कि कुछ बैंक इस सुविधा के लिए फीस वसूलते हैं, ऐसे में आप आवेदन करने से पहले इसके बारे में जांच कर लें।

सबसे आवश्यक बात ये है कि आपको कितनी रकम ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत मिलेगी ये आपके क्रेडिट स्कोर, आपके और बैंक के बीच संबंध, आपकी आमदनी पर निर्भर करता है।

आम तौर पर बैंक सैलरी अकाउंट वाले ग्राहकों, एफडी रखने वाले ग्राहकों या फिर जिन ग्राहकों ने बैंक में कुछ मॉर्टगेज रखा है उन्हें प्राथमिकता पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करता है।

Personal Loan vs Overdraft Facility: ओवरड्राफ्ट के लिए अप्लाई करने से पहले जान लें इसके फायदा और नुकसान

ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए आवेदन करने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल भी रखना जरूरी है।

जैसे आप इस सुविधा के तहत जितना अमाउंट निकालते हैं, आपको उसे एक निश्चित समय के भीतर चुकाना होता है। अगर आप इससे चूक जाते हैं तो आपको ज्यादा ब्याज भरना होगा।

इसकी खास बात ये है की ये पर्सनल लोन के मुकाबले अच्छा विकल्प होता है, क्योंकि आपको तय समय सीमा के भीतर बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के इसे वापस करने की सुविधा मिलती है।

इसके अलावा जितने दिन तक आपके पास ओवरड्राफ्ट का पैसा होता है आपको उतने ही दिन का ब्याज देना होगा।

वहीं मुश्किल वक्त में बैंक अकाउंट खाली होने पर भी आप पैसे की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। इस सुविधा का लाभ आप सिंगल और ज्वाइंट दोनों तरह के खातों में उठा सकते हैं।

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Written by newsghat

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