Pharma Industry: देश में 25 फीसदी सस्ती हो जाएंगी जीवनदायक दवाएं! चीन का दबाव होगा कम! पढ़ें दवा उद्योग ने कैसे हासिल की बड़ी उपलब्धि
Pharma Industry: भारत में अब एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडियंट्स (API) के स्थानीय उत्पादन से दवाओं के दाम में भारी गिरावट आने की संभावना है।
इससे न सिर्फ भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि चीन की API उत्पादन में हावी जो हकदारी है, उस पर भी प्रभाव पड़ेगा।
Pharma Industry: देश में 25 फीसदी सस्ती हो जाएंगी जीवनदायक दवाएं! चीन का दबाव होगा कम! पढ़ें दवा उद्योग ने कैसे हासिल की बड़ी उपलब्धि
भारतीय उत्पादन की महत्वपूर्णता
हिमाचल प्रदेश के बीबीएन क्षेत्र में, जो की एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है, अब तक कई दवाओं का उत्पादन होता आ रहा है।
लेकिन, अधिकतर API यानी दवाओं के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल की आवश्यकता के लिए भारत को चीन पर निर्भरता बनी रही।
चीन की मनमानी
कोरोना के समय, चीन ने API की कीमतों में अचानक वृद्धि की थी, जिससे दवाओं की उत्पादन लागत बढ़ गई। यह वृद्धि भारतीय फार्मा उद्योग पर प्रभावित करने के साथ-साथ उपभोक्ताओं पर भी सीधा प्रभाव डालती रही है।
स्थानीय उत्पादन के फायदे
हिमाचल प्रदेश में जब API का स्थानीय उत्पादन शुरू होगा, तो दवाओं के दाम में 25 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
इससे न सिर्फ उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा, बल्कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में चीन का सामना कर सकेगा।
यह न सिर्फ भारत के लिए अच्छा है, बल्कि दुनिया भर के कई देशों के लिए भी फायदेमंद होगा।
इस प्रकार, API के स्थानीय उत्पादन से भारतीय फार्मा उद्योग और उपभोक्ता दोनों को बड़ा लाभ होगा और यह चीन की API बाजार में हावी हकदारी को भी चुनौती देगा।