HP News: अद्भुत प्लास्टिक सर्जरी से बचाई जंगली सांभर की जान! 4 घंटे तक चली सर्जरी
HP News: पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए बहुआयामी पशु चिकित्सालय ललड़ी की विशेषज्ञ टीम ने एक गंभीर रूप से घायल जंगली सांभर के बच्चे की जान बचाकर एक मिसाल पेश की है। इस जीवनरक्षक कार्य को पशु चिकित्सा सर्जन डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. नवनीत और डॉ. नेहा की टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि घायल सांभर ऊना के आसपास के जंगलों में पाया गया था।
HP News: अद्भुत प्लास्टिक सर्जरी से बचाई जंगली सांभर की जान! 4 घंटे तक चली सर्जरी
किसी जंगली जानवर द्वारा हमला किए जाने से उसका पूरा जबड़ा, दांतों सहित हड्डियां भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थीं। स्थानीय लोगों की सूचना पर वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राधा माधव गौशाला की मदद से इस घायल जानवर को बहुआयामी पशु चिकित्सालय, लालड़ी में लाया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, डॉ. शर्मा ने इसे आपातकालीन स्थिति घोषित करते हुए तत्काल प्लास्टिक सर्जरी का निर्णय लिया।
अत्यधिक रक्तस्राव और श्वसन अवरोध के चलते यह सांभर जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहा था। उन्होंने बताया कि तकरीबन 4 घंटे तक चली इस जटिल सर्जरी में जानवर की दोनों नासिकाएं कृत्रिम रूप से निर्मित की गईं। जबड़े की टूटी हड्डियों को शरीर के अन्य हिस्सों से हड्डियाँ लेकर जोड़ा गया, और जबड़े की त्वचा को प्लास्टिक सर्जरी से नया आकार प्रदान किया गया।

इस दौरान जानवर की सांसें लगभग दो घंटे तक कृत्रिम रूप से संचालित की गईं। यह केवल एक चिकित्सा उपलब्धि नहीं, बल्कि पशु कल्याण और आधुनिक पशु चिकित्सा विज्ञान की उत्कृष्ट मिसाल है, जिसने एक नन्हे जीवन को नया जीवनदान दिया।
पशुपालकों के लिए वरदान बनके उभरा बहुआयामी पशु चिकित्सालय ललड़ी
बहुआयामी पशु चिकित्सालय ललड़ी ऊना के साथ-साथ आसपास के पंजाब क्षेत्रों के पशुपालकों के लिए एक वरदान के रूप में उभरा है। यहाँ पर इकोकार्डियोग्राफी, इलास्टोग्राफी, अल्ट्रासाउंड, ऑर्थोपेडिक सर्जरी, आंखों की सर्जरी, कार्डियक एवं थोरेसिक सर्जरी, सीज़ेरियन ऑपरेशन आदि आधुनिक चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध है। यह संस्थान पशुओं के इलाज में “पीजीआई ऑफ एनिमल्स” के नाम से लोकप्रिय हो रही है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के प्रयासों से इस बहुआयामी पशु चिकित्सालय में 16 लाख रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित की गई है। इस मशीन की सहायता से अब तक लगभग 800 पशुओं का सटीक निदान और इलाज किया जा चुका है, जिससे क्षेत्रीय पशुपालकों को लाखों रुपये की बचत हुई है। पहले जहां पशुपालकों को रोग निदान के लिए लुधियाना जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था, आज वही सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हैं।

Our passionate journalist at Newsghat, dedicated to delivering accurate and timely news from Paonta Sahib, Sirmaur, and rural areas. With a focus on community-driven stories, we ensures that every report reaches you with clarity and truth. At Newsghat, it’s all about “आपकी बात”!