Premanand Ji Ratri Yatra: कौन है प्रेमानंद जी महाराज? क्यों रुकी है उनकी रात्रि यात्रा? देखें पूरी रिपोर्ट
Premanand Ji Ratri Yatra: प्रेमानंद जी महाराज भारतीय हिंदू संत में से एक जाने माने व्यक्तित्व है। इनकी स्पिरिचुअल जर्नी भक्तों के लिए एक प्रेरणा स्रोत की तरह काम करती है।
पिछले कुछ वर्षों में प्रेमानंद जी महाराज ने कई लोगों के जीवन को बदल दिया है। इन्हीं में से एक है अनुष्का शर्मा और विराट कोहली।
प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचन के माध्यम से अनेक पहलुओं पर चर्चा करते हैं जो व्यक्ति के भौतिक सुखों से लेकर आध्यात्मिक यात्रा तक जुड़ी होती है।
कौन है प्रेमानंद जी महाराज /सम्पूर्ण परिचय
प्रेमानंद जी महाराज का जन्म 1969 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक गांव में हुआ था। उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है।
अपने बचपन में ही वे अपने आसपास धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ, भक्ति भाव, सत्संग प्रवचन इत्यादि देखते आए थे जिसकी वजह से छोटी उम्र में ही उनका धर्म और आध्यात्म की तरफ झुकाव बढ़ता गया।
उन्होंने 13 वर्ष की आयु में ही पारिवारिक जीवन छोड़ दिया और सन्यासी का चोला पहन लिया और सांसारिक बंधनों से मुक्त होने का दृढ़ निश्चय कर वे तपस्या करने लगे।
उन्होंने अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत वाराणसी में की, वाराणसी में उन्होंने दीर्घकालीन तपस्या की और ब्रह्मचर्य की दीक्षा भी ली। दीक्षा के पश्चात उनका नाम आनंद स्वरूप ब्रह्मचारी रखा गया। वाराणसी में दीर्घकालिक तपस्या के पश्चात वे वृंदावन की ओर चल पड़े।
वृंदावन में राधा कृष्ण की भक्ति में लीन होते हुए उन्होंने राधा वल्लभ संप्रदाय में दीक्षा प्राप्त की। उन्होंने गुरु श्री हित गौरंगी शरण जी महाराज से निज मंत्र प्राप्त किया और अपने जीवन को राधा कृष्ण की भक्ति में समर्पित कर दिया और यहीं से उन्हें मिली उन्हें एक अलग पहचान।
वर्तमान में महाराज जी कहाँ रह रहे हैं और क्या करते हैं?
वर्तमान में प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में रह रहे हैं और रोजाना वहां प्रवचन एवं भक्ति कार्यक्रम आयोजित करते हैं। भक्तों के बीच रसिक संत के श्रेणी में प्रेमानंद जी महाराज की एक अलग पहचान बन गई है।
रोजाना उन्हें सुनने के लिए हजारों भक्त दूर-दूर से आते हैं। रात के 2:00 बजे घनघोर अंधेरे के बीच प्रेमानंद जी महाराज अपने आश्रम श्री कृष्ण शरणम से श्री राधा कुंज आश्रम तक पैदल यात्रा करते हैं।
इस यात्रा के दौरान कई दर्शनार्थी रास्ते के किनारे खड़े होकर महाराज जी का बेसब्री से इंतजार करते हैं। समय के साथ यह यात्रा अब दर्शन पदयात्रा में बदल चुकी है जहां हजारों की संख्या में दर्शनाभिलाषी भजन कीर्तन मंत्र जाप और आध्यात्मिक गीतों का आयोजन करते हैं।
परमानंद जी महाराज की यात्रा पर क्यों उठा सवाल और क्यों रोक दी गई यात्रा …..
प्रेमानंद जी महाराज द्वारा निकाली जाने वाली इस रात्रि यात्रा को अब अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया गया है जिसके पीछे कुछ विशेष कारण बताए जा रहे हैं।
इन कारणों में से सबसे बड़ा कारण है प्रेमानंद जी महाराज की वर्तमान समय की स्वास्थ्य समस्या। प्रेमानंद जी महाराज की दोनों किडनियाँ खराब हो चुकी है जिसकी वजह से उन्हें नियमित डायलिसिस की जरूरत पड़ती है।
ऐसे में रोजाना कई किलोमीटर चलने और तपस्या की वजह से उनके शरीर पर विपरीत प्रभाव भी पड़ रहा है इसी वजह से आश्रम प्रशासन ने महाराज जी की भलाई को ध्यान में रखते हुए इस रात्रि यात्रा को रोकने का निर्णय लिया है।
रात्रि यात्रा को लेकर लोगों के विवाद और शिकायतें…
प्रेमानंद जी महाराज द्वारा संचालित की जाने वाली इस रात्रि यात्रा को लेकर वृंदावन के कई स्थानीय निवासियों ने भी शिकायत दर्ज करवाई है।
इसमें लोगों का कहना है की रात्रि यात्रा की वजह से बुजुर्गों और बच्चों की नींद पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। तेज ध्वनि, पटाखे की आवाज, शोर शराबे की वजह से ध्वनि प्रदूषण भी होता है, जिससे दिन भर के थके हारे लोगों की नींद टूटती है और उनके आराम में बाधा आती है जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल परिणाम देखे जा रहे हैं।
इसके अलावा देश-विदेश से आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या में होने वाली भारी वृद्धि की वजह से रात्रि यात्रा में भीड़ भी अप्रत्यक्षित रूप से बढ़ती जा रही है। ऐसे में प्रशासन ने भी इस बात को चिंता का विषय बताया है।
स्थानीय प्रशासन के लिए इतनी बड़ी व्यवस्था करना चुनौती पूर्ण बनता जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब प्रेमानंद जी महाराज की इस रात्रि यात्रा को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया गया है।