
HP News: राजेंद्र ने तैयार किया ड्रैगन फ्रूट का बगीचा! लगाए 864 पौधे, शुरुआती दौर में 5 क्विंटल उत्पादन
HP News: हिमाचल प्रदेश में जिला हमीरपुर जैसे कम ऊंचाई एवं कम नमी वाले क्षेत्रों में भी फल उत्पादन की संभावनाएं हैं। यहां आम, अमरूद और नींबू प्रजाति के फलों की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में प्रदेश सरकार ने उद्यान विभाग के माध्यम से सराहनीय प्रयास किए हैं और एचपीशिवा परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना आरंभ की है।

HP News: राजेंद्र ने तैयार किया ड्रैगन फ्रूट का बगीचा! लगाए 864 पौधे, शुरुआती दौर में 5 क्विंटल उत्पादन
उद्यान विभाग अब यहां लीक से हटकर अन्य फलों की खेती की संभावनाएं भी तलाश कर रहा है और इस दौरान विभाग को जिला के कुछ ऐसे प्रगतिशील किसान मिले हैं जो इस क्षेत्र में कुछ नया करने का जज्बा रखते हैं। इन्हीं किसानों में से एक हैं भोरंज उपमंडल के गांव पपलाह के राजेंद्र कुमार। राजेंद्र कुमार उर्फ रवि मैहर ने अपनी लगभग पांच कनाल भूमि पर ड्रैगन फ्रूट का बगीचा और नर्सरी तैयार करके एक नया प्रयोग ही नहीं किया है, बल्कि जिला में फल उत्पादन की नई संभावनाओं को भी बल दिया है।
उद्यान विभाग के अधिकारी भी राजेंद्र कुमार को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करके उनके बागीचे को एक मॉडल के रूप में पेश करने के लिए प्रयासरत हैं, ताकि अन्य किसान भी फलों की खेती की ओर अग्रसर हो सकें। राजेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें कुछ वर्ष पूर्व यूटयूब पर ड्रैगन फ्रूट के बारे में जानकारी मिली और इसकी खेती के लिए उनमें उत्सुकता जगी। उन्होंने यूटयूब पर कुछ और जानकारी प्राप्त करके महाराष्ट्र में जाकर इसका प्रशिक्षण लिया।

इसके बाद उन्होंने उद्यान विभाग से लगभग 29,160 रुपये की सब्सिडी लेकर पांच कनाल भूमि पर ड्रैगन फ्रूट का बागीचा लगाया। उन्होंने पौधारोपण के लिए बागीचे में विशेष प्रकार के 216 पोल लगाए और हर पोल पर चार-चार पौधे लगाए। इस प्रकार, उनके बागीचे में कुल 864 पौधे लगे हैं और इस सीजन में कुछ पौधों में पहली फसल भी आ गई है।
राजेंद्र कुमार ने बताया कि अभी शुरुआती दौर में ही उनके बागीचे में लगभग पांच क्विंटल पैदावार हुई है। बताया कि इस फल को बाजार में 200 से ढाई सौ रुपये प्रति किलोग्राम दाम बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि बागीचे में एक पोल लगाने और उस पर चार पौधे लगाने पर दो हजार से ढाई हजार रुपये तक खर्च आता है।
लेकिन, एक बार पौधा तैयार हो जाने के बाद वह किसान को लगातार अच्छी आय देता है। इसमें ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है और बाजार में दाम भी अच्छे मिल जाते हैं। इसलिए, ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों-बागवानों के लिए काफी फायदेमंद एवं सुविधाजनक साबित हो सकती है।
राजेंद्र कुमार ने बताया कि अब उन्होंने इस फल की नर्सरी भी तैयार कर दी है, जहां से अन्य किसान भी इसके पौधे ले सकते हैं। इस प्रकार, राजेंद्र कुमार का यह बागीचा अन्य किसानों-बागवानों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है।

Our passionate journalist at Newsghat, dedicated to delivering accurate and timely news from Paonta Sahib, Sirmaur, and rural areas. With a focus on community-driven stories, we ensures that every report reaches you with clarity and truth. At Newsghat, it’s all about “आपकी बात”!