RBI का बड़ा फैसला: अब लोन लेना होगा आसान! RBI ने CIBIL Score के लिए जारी किए ये 6 बड़े बदलाव, जानिए डिटेल्स
RBI का बड़ा फैसला: Reserve Bank Of India हमारे देश की अपेक्स बैंक है। अर्थात यह बैंक देश की सारी वित्तीय ट्रांजैक्शन का लेखा जोखा अपने पास सहेजती है।
देश भर में किसी भी प्रकार की कोई भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन हो फिर चाहे वह किसी बैंक के द्वारा हो या किसी निजी फाइनेंस संस्था के द्वारा, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियमों का पालन करना सभी संस्थाओं के लिए अनिवार्य होता है। अन्यथा ऐसा न करने पर रिजर्व बैंक इन संस्थानों पर शिकंजा भी कस सकती है।
RBI : CIBIL SCORE NEW GUIDELINES 2025
हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा सिबिल स्कोर को लेकर कुछ नये अपडेट जारी किए गए हैं। सिबिल स्कोर अर्थात ग्राहकों की क्रेडिट हिस्ट्री जिसके आधार पर ही ग्राहकों को विभिन्न फाइनेंशियल एजेंसी द्वारा लोन उपलब्ध कराया जाता है।
ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए RBI ने सिविल स्कोर गणना को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम जारी किए हैं। इन नियमों को मानते हुए यदि ग्राहक फाइनेंशियल एजेंसी से लोन लेता है तो ग्राहक को किसी प्रकार का कोई नुकसान भविष्य में नहीं होगा वही लोन देने वाली संस्था भी सुरक्षित लोन की ट्रांजैक्शन कर पाएगी।
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RBI : सिविल स्कोर न्यू अपडेट
जैसा कि हमने आपको बताया रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा सिबिल स्कोर को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट जारी किए गए हैं।
सिविल स्कोर किसी भी व्यक्ति का वह आर्थिक रिकॉर्ड होता है जिसके आधार पर उसे लोन दिया जाता है। यदि व्यक्ति का सिबिल स्कोर खराब होता है तो कोई भी सरकारी या निजी संस्था लोन देने से मना कर देती है।
ऐसे में ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए सिबिल स्कोर के नियमों में कुछ विशेष अपडेट किए गए हैं जो इस प्रकार से हैं।
CIBIL score update : 1 जनवरी 2025 से RBI ने स्पष्ट कर दिया है कि अब ग्राहक अपने सिबिल स्कोर को हर 15 दिन में अपडेट कर सकेंगे।
इस प्रक्रिया को सभी वित्तीय संस्थाओं द्वारा नियमित रूप से पूरा किया जाएगा ताकि समय पर किस्तों का भुगतान करने वाले ग्राहकों को सिबिल स्कोर को बेहतर करने के लिए 45 दोनों का इंतजार ना करना पड़े।
ग्राहक को सिबिल स्कोर गणना की मिलेगी सूचना:
RBI ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई भी सरकारी संस्था या निजी बैंक संस्था किसी भी ग्राहक के सिबिल स्कोर की गणना करती है तो उसे ग्राहक को इस बात की जानकारी देनी होगी।
एजेंसी को यह सूचना मोबाइल या ईमेल के माध्यम से ग्राहक उपलब्ध करानी होगी ताकि सिबिल स्कोर की गणना में पारदर्शिता बरतीं जा सके।
लोन स्वीकृत या स्वीकृत की देनी होगी जानकारी:
सिबिल स्कोर के नए अपडेट के अंतर्गत RBI ने विभिन्न वित्तीय एजेंसी को यह भी आदेश दे दिए हैं कि यदि किसी ग्राहक के सिबिल स्कोर के आधार पर कोई एजेंसी ग्राहक के लोन के आवेदन को स्वीकार करती है या अस्वीकार करती है तो दोनों ही कारणों के बारे में एजेंसी को ग्राहक को बताना होगा।
यदि कोई भी एजेंसी इस नियम की अवहेलना करती है तो ग्राहक इस बारे में RBI से शिकायत भी कर सकता है।
निशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट की मिलेगी सुविधा :
इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सिबिल स्कोर गणना को लेकर वित्तीय संस्थानों को निर्देश दे दिए हैं कि प्रत्येक वित्तीय संस्थान अपने सभी ग्राहकों को एक बार निशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट का संपूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराएगी।
इसके लिए हर वित्तीय संस्था द्वारा वेबसाइट पर एक लिंक जारी कर किया जाएगा ताकि प्रत्येक ग्राहक अपनी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट देख सके और अपनी वित्तीय स्थिति और लेनदेन के बारे में विस्तारित जानकारी प्राप्त कर सके।
लोन देने वाली कंपनियों को डिफॉल्टर ग्राहकों को देनी होगी जानकारी:
RBI ने सिबिल स्कोर गणना कर लोन देने वाली कंपनियों को यह भी निर्देश दे दिये हैं कि अब इन कंपनियों को सभी ग्राहकों को भुगतान हेतु SMS या ईमेल के माध्यम से सूचित करना होगा।
वहीं यदि यह कंपनियां अपने डेटा में किसी भी ग्राहक का लोन डिफाल्ट रिकॉर्ड देखती हैं तो उन्हें जल्द से जल्द ग्राहक को इस बारे में सूचित करना होगा और ग्राहक की क्रेडिट से जुड़ी समस्या को हल करना होगा।
1 महीने में करना होगा शिकायतों का समाधान:
इसके साथ ही रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने संपूर्ण वित्तीय एजेंसी को यह भी निर्देश दे दिए हैं की यदि किसी ग्राहक को क्रेडिट स्कोर को लेकर किसी प्रकार की कोई शिकायत है तो लोन उपलब्ध कराने वाली वित्तीय संस्था को इस शिकायत का समाधान एक माह के भीतर करना होगा।
यदि क्रेडिट देने वाली कंपनी तय समय सीमा के भीतर इस शिकायत का निदान नहीं करती तो क्रेडिट कंपनी को ग्राहक को हर दिन ₹100 का जुर्माना देना होगा।
अंतिम शब्द
कुल मिलकर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी किया गया यह नया CIBIL SCORE UPDATE एक ओर जहां ग्राहकों को ईजी लोन एक्सेस प्रदान करता है वही कंपनियों को भी लोन के भुगतान की गारंटी देता है ताकि ग्राहक और कंपनी दोनों में से किसी को भी नुकसान न हो।