

RBI: रेपो रेट में कटौती से म्यूचुअल फंड पर क्या होगा असर! क्या तेजी से बढ़ पाएगी कमाई या होगा घाटा, जानिए
RBI: जब-जब RBI अपने रेपो रेट में बदलाव करता है, तब-तब पूरे बाजार में हलचल मच जाती है। जी हां, RBI के रेपो रेट का बदलाव सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इस बार RBI ने फिर से रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर दी है।

RBI: रेपो रेट में कटौती से म्यूचुअल फंड पर क्या होगा असर! क्या तेजी से बढ़ पाएगी कमाई या होगा घाटा, जानिए
यह कटौती होते ही अब लोन सस्ते हो जाएंगे और लिक्विडिटी पहले से ज्यादा बढ़ जाएंगी। इस निर्णय के आते ही म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच सवाल गूंजने लगा है कि इससे उनके रिटर्न पर क्या प्रभाव होगा? बता दें, RBI का यह फैसला म्यूचुअल फंड के साथ-साथ पूरे शेयर मार्केट पर अपना प्रभाव दिखाएगा।
क्योंकि, लिक्विडिटी ज्यादा होने की वजह से निवेशकों के लिए रास्ते खुल जाते हैं। इक्विटी मार्केट में उम्मीद जागने लगती है। ब्याज दरों में गिरावट, मतलब अब लोग फिक्स्ड डिपॉजिट या बचत खातों की ओर आकर्षित न होकर बेहतर रिटर्न के चक्कर में SIP, Debt Fund, Liquid Fund और Hybrid Fund में निवेश करना शुरू कर देंगे।

आईये समझते हैं RBI की इस नीति से मार्केट पर क्या असर होगा?
● जैसा कि हमने बताया RBI ने रेपो रेट अब 5.25% कर दिया है, जिसकी वजह से ब्याज दरें कम हो जाएगी। ब्याज दरों का कम होना मतलब लोन सस्ते होना और FD तथा बचत खातों पर ब्याज कम मिलना।
● ऐसे निवेशक जो सुरक्षित निवेश और बेहतरीन रिटर्न चाहते हैं अब वह फिक्स्ड डिपॉजिट और बचत खातों की और आकर्षित न होकर लिक्विड फंड या अल्ट्रा ड्यूरेशन फंड्स में निवेश करना शुरू करेंगे।
● आने वाले समय में 1 से 4 साल के डेब्ट फ़ंड सेगमेंट में स्टेबिलिटी रिटर्न पोटेंशियल दिखेगा क्योंकि अब लोग परंपरागत निवेश की जगह बेहतरीन रिटर्न वाले निवेश विकल्प चुनेंगे।
● RBI की नीति की वजह से निवेशक इक्विटी सेविंग फंड, आर्बिट्राज फ़ंड, हाइब्रिड रणनीति की ओर आकर्षित होंगे जहां बैंक से ज्यादा रिटर्न मिलता है।


RBI के इस फैसले से निवेशकों पर क्या असर होगा?

● RBI के फैसले से डेब्ट म्यूचुअल फंड की मांग बढ़ जाएगी जिससे उनके दाम भी बढ़ जाएंगे।
● निवेशकों को मिलेगा कैपिटल गेन का लाभ।
● निवेशकों को अब कम जोखिम और बेहतर रिटर्न की ज्यादा संभावना मिलेगी।
● 1 से 4 साल की अवधि के लिए निवेशकों को नए विकल्प मिलेंगे जहां बेहतरीन ब्याज दर और कम जोखिम का संगम देखा जाएगा।
इस दौरान ध्यान देने योग्य बातें
RBI द्वारा रेपो रेट में 25 BPS की कमी म्यूचुअल फंड मार्केट के लिए प्रॉफिटेबल जरूर साबित हो सकती है परंतु निवेशकों को कुछ बातों का ध्यान भी रखना होगा जैसे की,
● जितनी जल्दी दर में कटौती होती है डेब्ट बांड्स के दामों में उतना उछाल होता है परंतु निवेशकों को इस मार्केट में उतरने से पहले अपने जोखिम सहने की क्षमता देखना जरूरी है।
● इस दौरान हाइब्रिड फंड में निवेश लाभकारी हो सकते हैं परंतु निवेश करने से पहले फंड हाउस का ट्रैक रिकॉर्ड जरूर देखें।
● और यदि आप ऐसे निवेशक हैं जिसे तेजी से पैसा चाहिए तो शॉर्ट टर्म गोल्स और कम रिस्क वाले विकल्प चुने, लंबी अवधि के डेब्ट फंड में पैसा ना फँसायें।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर RBI की इस 25 बेसिस पॉइंट्स की हालिया कटौती ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नए अवसर जरूर खोले हैं, परंतु इस दौरान निवेशकों को भी अपनी निर्णय शक्ति के आधार पर निवेश अवधि, वित्तीय लक्ष्य, जोखिम क्षमता इत्यादि को ध्यान में रखकर ही कदम आगे बढ़ना होगा।
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