Salary Protection Insurance: सैलरी प्रोटेक्शन इंश्योरेंस को अपनाएंगे तो नौकरी के बाद भी मिलती रहेगी सैलरी, जान लें क्या हैं इसके फायदे
Salary protection insurance : यह बिना किसी मेच्योरिटी लाभ टर्म पॉलिसी है, आज के समय में लगभग सभी बीमा कंपनियां सैलरी प्रोटेक्शन इंश्योरेंस ऑफर कर रही हैं। रेगूलर इनकम पेऑउट के एक बेहतरीन ऑप्शन है जो की इनकम प्रोटक्शन इंश्योरेंस के तौर पर कार्य कर रहा है।
आर्थिक सुरक्षा के लिए मना गया है बेहतर…
इनकम प्रोटक्शन इंश्योरेंस एक टर्म पॉलिसी है जो रेगुलर इनकम पर मोंठ ऑफर कर रही है। परचेजर्स को पता होना चाहिए कि यह किसी भी मैच्योरिटी के बिना मिलने वाली एक टर्म पॉलिसी है।
Salary Protection Insurance: नौकरी पेशा लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा एक बहुत बड़ी चुनौती है ऐसे में महामारी और आर्थिक उतार-चढ़ाव के बीच में यह संकट और भी गहरा जाता है सैलरी पर निर्भर रहने वाले लोगों के लिए सैलरी प्रोटक्शन इंश्योरेंस यानि वेतन सुरक्षा बीमा बहुत ही लाभदायक विकल्प माना गया है।
कैसे ले सकते हैं लाभ
Term insurance policy खरीदते समय आप खुद ही यह बात तय कर सकते हैं कि आपको कुल बीमा किए गए राशि को किस तरह से लेना है। ऐसे में हम आपको 2 तरीके बताते हैं पहला रेगुलर इनकम और दूसरा एक मुश्त। जो लोग निवेश करना पसंद नहीं करते हैं या कम निवेश करना चाहते हैं वह वह गारंटी वाला रिटर्न चुनना पसंद करते हैं वे नियमित आय भुगतान विकल्प के साथ टर्म पॉलिसी का चुन सकते हैं।
नियमित भुगतान के साथ एक टर्म प्लान
पॉलिसी खरीदने वाले को यह पता होना चाहिए कि यह पॉलिसी बिना किसी में छोटी लाभ के एक टर्म पॉलिसी है क्योंकि पॉलिसी धारक की मृत्यु के बाद केवल नॉमिनी को एक सुनिश्चित मृत्यु लाभ एकमुश्त राशि मिलती है।
विशेषज्ञों की मानें तो वेतन बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार, बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद एक निश्चित समय तक नियमित भुगतान किया जाता है।
इनकम
जब आप इनकम प्रोटेक्शन टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते है, ऐसे मैं आपको मंथली इनकम को चुनना होता है जो आपको अपने परिवार को देना होता है यह आपकी वर्तमान मासिक आय के बराबर या उससे कम हो सकती है।
पॉलिसी और प्रीमियम भुगतान अवधि का करना होगा चयन…
तो चलो मान मान लेते हैं कि, 30 वर्ष की आयु में आप नियमित प्रीमियम भुगतान अवधि के लिए 15 वर्षों के लिए पॉलिसी खरीद सकते हैं।
पॉलिसी को समझिए
इंश्योरेंस कंपनी आपकी मासिक आय पर वार्षिक दर भी बढ़ाकर दे सकती है…..
जैसे, बीमाकर्ता आपको इस आय पर 6% की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि ब्याज दे सकता है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक पॉलिसी वर्ष, मासिक राशि पिछले वर्ष की मासिक आय का 106% होगी।
मान लो यदि आपने पॉलिसी खरीदते समय 50,000 रुपए की मासिक आय का विकल्प चुना है,तो पॉलिसी के दूसरे वर्ष में, यह मासिक आय बढ़कर 53,000 रुपए हो जाएगी, और उसके अगले वर्ष 56,180 रुपए हो जाएगी।
मान लो यदि पांचवें पॉलिसी वर्ष की शुरुआत में पॉलिसीधारक की अगर मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में नॉमिनी को 7.6 लाख रुपए का मृत्यु लाभ और 63,124 रुपए बढ़ी हुई मासिक आय मिलेगी।
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