

SEBI Mutual Fund New Update: SEBI ने किया म्युचुअल फंड नियमों में बड़ा बदलाव! लगाई PRE-IPO पर रोक
SEBI Mutual Fund New Update: भारतीय वित्तीय बाजारों में लगातार तेजी से बदलाव हो रहा है। इसी बदलाव के केंद्र में SEBI का बड़ा फैसला भी आ गया है। जी हां, SEBI ने म्युचुअल फंड उद्योग की दिशा को एक ही झटके में बदल दिया है। हाल ही में SEBI ने निर्देश जारी किया है कि म्यूचुअल फ्रेंड को Pre-IPO प्लेसमेंट में निवेश नहीं किया जाएगा।

SEBI Mutual Fund New Update: SEBI ने किया म्युचुअल फंड नियमों में बड़ा बदलाव! लगाई PRE-IPO पर रोक
यह एक ऐसा फैसला है जिसने निवेशको, फंड मैनेज़रों और IPO बाजार से जुड़े सभी लोगों के बीच चर्चा छेड़ दी है। Pre IPO प्लेसमेंट वह महत्वपूर्ण स्टेप होता है जहां कंपनियां लिस्टिंग से पहले सीमित निवेशकों को शेयर आंबटित कर देती थीं।
यह मौका म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए आकर्षक मौका माना जाता था क्योंकि यहां निवेशकों को डिस्काउंटेड वैल्यू पर निवेश का अवसर मिलता था। परंतु अब SEBI ने इस Pre-IPO प्लेसमेंट को बंद कर दिया है। हालांकि इसके पीछे SEBI नहीं गहरा तर्क भी दिया है जो कि निश्चित ही निवेशकों के हित में साबित होता है।

SEBI ने म्युचुअल फंड से जुड़े कौन से नियमों में बदलाव किया है
● SEBI में म्युचुअल फंड्स को Pre-IPO प्लेसमेंट में निवेश करने पर रोक लगा दी है।
● म्युचुअल फंड केवल अब एंकर इन्वेस्टर या पब्लिक IPO के हिस्से में ही निवेश कर सकते हैं।
● सेबी ने क्लियर कर दिया है कि एसोसिएशन आफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) इस बात का ध्यान रखें और जल्द से जल्द सभी AMC को इसके पालन करने के आदेश दिए जाएं।
● सेबी का यह नया निर्णय म्युचुअल फंड रेगुलेशन 1996 की क्लास 11 पर आधारित है जिसमें इक्विटी निवेश सिर्फ listed या to be listed सिक्योरिटी में करना अनिवार्य किया गया है।


SEBI के इस नए नियम से क्या फायदे होंगे?

● SEBI के इस नए नियम से Pre-IPO का जोखिम खत्म हो जाएगा जिससे निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी। क्योंकि अगर IPO और रद्द हो जाए या देरी हो जाए तो म्युचुअल फंड अनलिस्टेड शेयरों में फंस जाते हैं।
● नए नियम की वजह से एंकर राउंड पहले से ही रेगुलेटेड होगा जिसकी वजह से कंपनी की मूल्यांकन जानकारी और दस्तावेज सार्वजनिक हो जाएंगे जिससे निवेशकों को निवेश करने से पहले कीमतों की जानकारी हो जाएगी।
● Pre-IPO प्लेसमेंट में कई बार प्राइस मैनिपुलेशन की संभावना भी होती थी ऐसे में अब यह संभावना समाप्त हो जाएगी।
● अब म्युचुअल फंड केवल listed या to be listed एरिया सिक्योरिटी में ही निवेश कर पाएंगे जिससे निवेशकों का पैसा ऐसे शेयरों में नहीं फंसेगा जिसकी बिक्री संभव नहीं है।
● अब इस निर्णय से आईपीओ में संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ेगी जो बाजार को स्थिरता देगा।
● इस निर्णय से रिटेल इन्वेस्टर्स का भरोसा और ज्यादा मजबूत होगा, साथ ही बाजार में लिक्विडिटी और गवर्नेंस पहले से ज्यादा पारदर्शी और मजबूत हो जाएगा।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर SEBI द्वारा म्युचुअल फंड Pre-IPO प्लेसमेंट से बाहर करने का फैसला एक संतुलित कदम माना जा सकता है। यह इन्वेस्टर के जोखिम को कंट्रोल करेगा और साथ ही रिटेल इन्वेस्टर्स को आकर्षित करेगा। इस निर्णय से बाजार का पूरा ढांचा पुनः स्थिर हो जाएगा।
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