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SFI: प्रदेश में बढ़ रहे नशे के कारोबार को लेकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विश्विद्यालय के छात्रों को जागरूक! नशे के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान

SFI: प्रदेश में बढ़ रहे नशे के कारोबार को लेकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विश्विद्यालय के छात्रों को जागरूक! नशे के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान

SFI: प्रदेश में बढ़ रहे नशे के कारोबार को लेकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विश्विद्यालय के छात्रों को जागरूक! नशे के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान

SFI: प्रदेश में बढ़ रहे नशे के कारोबार को लेकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विश्विद्यालय के छात्रों को जागरूक! नशे के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एसएफआई (SFI)ने राज्य कमेटी के आवाहन पर प्रदेश में बढ़ रहे नशे के कारोबार को लेकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विश्विद्यालय के छात्रों को जागरूक किया और आने वाले समय प्रदेश में नशे के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत की।

प्रदेश में बढ़ते नशे के खिलाफ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एसएफआई कमेटी ने पिंक पेटल पर नुक्कड़ नाटक किया। एस एफ आई (SFI)के द्वारा इस नुक्कड़ के जरिए लोगों को जागरूक करने का काम किया गया।

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इस नुक्कड़ में एस एफ आई में नशे के गंभीर परिणामों को लोगो के समक्ष रखा

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कैंपस उपाध्यक्ष मुकेश बोले

इस नुक्कड़ में बात रखते हुए कैंपस उपाध्यक्ष मुकेश ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हिमाचल प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग्स ने प्रदेश को उड़ता हुआ हिमाचल प्रदेश बना दिया है।

जिसमें प्रदेश के लगभग 60% लोग आज सिंथेटिक ड्रग्स के शिकार हो चुके है प्रदेश में 10 परिवार में से 8 परिवार इसके आदि हो चुके है। सिंथेटिक ड्रग्स में चिट्टा प्रदेश में बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है।

जिसके कारण हजारों युवा इसके शिकार हो चुके है। इसके साथ-साथ प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों से लेकर एमबीबीएस छात्र व वकील एवं डॉक्टर इसके आदि हो चुके है ओर न जाने कितने लोग अभी ओर इसके शिकार होने वाले है।

उन्होंने बात रखते हुए कहा कि प्रदेश में स्थिति अब बहुत दयनीय हो चुकी है आय दिन चिट्टे कि खबरें सुनने और देखने को मिल रही है जिसमें प्रदेश पुलिस अपनी कार्यवाई लगातार जारी रखे हुए है उसके बाबजूद भी यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

प्रदेश में चिट्टा लेने के साथ-साथ कुछ लोगो ने इसे आर्थिकी तौर पर कारोबार का धंधा बना दिया है जिसके चलते आज यह हिमाचल को दीमक की तरह खोकला कर रहा है।

इस प्रदर्शन में इन्होंने कहा की आज का युवा देश का भविष्य है परन्तु आज का बेरोजगार युवा नशे के जाल में फसता जा रहा है और केंद्र की सरकार और हिमाचल प्रदेश की सरकार इस पर कोई ठोस रणनीति बनाने में नाकमयाब है।

प्रदेश सरकार तो इस पर सुधारवादी तरीका अपनाने में लगी है जिसमें सरकार के करीबी लोग जो इस चिट्टा के कारोबार में संलिप्त है उनको संरक्षण देते हुए उनको बचाने में लगी है।

एसएफआई प्रदेश सरकार से यह मांग करती है की प्रदेश में जो ड्रग्स का करोबार कर रहा है उसके खिलाफ कार्यवाई करें और प्रदेश में इसके खिलाफ सख़्ती से कानून को लगू करें ताकि प्रदेश में फैल रहे चिट्टे और बाकी सिंथेटिक ड्रग्स पर रोक लगायी जा सके, यह सिर्फ समाजिक मुद्दा नहीं है यह एक राजनीतिक मुद्दा है।

आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से राज्य कमेटी के नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान को शुरू किया गया और प्रदेश में नशे के खिलाफ काम कर रहे जनवादी संगठन के साथ मिलकर चलते हुए प्रदेश में इस नशे को खत्म करने का ऐलान किया गया और प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि प्रदेश में नशे के कारोबार पर रोक लगाए और जो लोगो चिट्टे के शिकार हो चुके है उन्ह लोगो की लिए सरकारी Rehab centre में उपचार एंव साइकैटरिस्ट की सुविधा उपलब्ध करवाएं ताकि वह इस नशे के चुंगल से बाहर आ सके।

कैंपस अध्यक्ष
अंकुश
कैंपस सह सचिव
नावेद

Written by Newsghat Desk

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