Share Market Tips: शेयर मार्केट में कमाना है अच्छा मुनाफा तो बस इन गलतियों से बचें! शेयर मार्केट में मुनाफे की राह में बाधा बनती है ये आम गलतियां
Share Market Tips: शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपको बेहतर लाभ मिल सके। यहाँ हम कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बात करेंगे जिनसे आपको दूर रहना चाहिए।
Share Market Tips: शेयर मार्केट में कमाना है अच्छा मुनाफा तो बस इन गलतियों से बचें! शेयर मार्केट में मुनाफे की राह में बाधा बनती है ये आम गलतियां
गलत शेयरों का चुनाव: शेयर खरीदने से पहले आपको उस कंपनी का पिछले 5 साल का रिकॉर्ड अवश्य देखना चाहिए। इससे आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति का अच्छा अनुमान लगेगा।
सिर्फ सोशल मीडिया के भरोसे रहना: सोशल मीडिया पर शेयर मार्केट के बारे में कई तरह की जानकारी मिलती है, लेकिन इसका अन्धा अनुसरण नहीं करना चाहिए।
स्टॉप लॉस नहीं रखना: स्टॉप लॉस एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है, जो कि आपके नुकसान को सीमित करता है।
मार्केट अप हो तो सेलिंग न करना: जब मार्केट अप होती है, तब आपको कुछ हिस्सा बेचकर प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए।
गिरते शेयरों की खरीदारी करना: एक अन्य गलती जिसे निवेशक अक्सर करते हैं, वह है कि वे लगातार गिरते हुए शेयरों को खरीदते हैं।
इसके पीछे का धारणा यह होता है कि यदि शेयर की कीमत बहुत गिरी है, तो यह सस्ता है और इसे खरीदना चाहिए। लेकिन यदि एक शेयर लगातार गिर रहा है, तो इसका अर्थ हो सकता है कि कंपनी की स्थिति संतोषजनक नहीं है।
उदाहरण स्वरुप, YES बैंक का शेयर कभी 800 रुपये के पास था, लेकिन जब यह निरंतर गिरने लगा, तो लोगों ने इसे 200 से 300 रुपये पर खरीदना शुरू कर दिया। अंततः, शेयर बुरी तरह गिर कर 10 रुपये तक पहुंच गया।
घाटे वाली कंपनियों के शेयर लेना : निवेशकों को उन कंपनियों से दूर रहना चाहिए जो निरंतर घाटे में हैं या जिनका ऋण बहुत ज्यादा है। उदाहरण के तौर पर, Vodafone एक प्रसिद्ध कंपनी है, लेकिन यह बड़े नुकसान का सामना कर रही है। इस पर इतना ऋण है कि यह जल्दी ही लाभ में नहीं जा सकती।
कंपनी को अपनी ऋणों को चुकाने में कठिनाई हो सकती है, और यह लाभ में नहीं हो सकती है जब तक कि ऋण समाप्त न हो जाए। यह कंपनी के लिए एक खतरनाक स्थिति हो सकती है, जिसमें निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
इसलिए, एक समझदार निवेशक हमेशा कंपनी के ऋण की स्थिति का अवलोकन करता है और कंपनी की सम्पत्तियों, आय, और ऋण के आधार पर अपने निवेश का निर्णय लेता है।
यदि कंपनी के पास अधिक ऋण है और यह लाभ में नहीं है, तो यह एक स्थिति का संकेत हो सकता है जिसमें निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है।