Sirmour News: पिता ने मजदूरी कर पढ़ाया! अब बेटी ने जेआरएफ परीक्षा पास कर बढ़ाया मान, 99.55 परसेंटाइल किए हासिल
Sirmour News: सिरमौर जिला की कोलर पंचायत के उत्तमवाला गांव की हिना कुमारी ने संघर्ष भरी परिस्थितियों के बीच जेआरएफ (Junior Research Fellowship) परीक्षा में 99.55 परसेंटाइल के साथ शानदार सफलता हासिल की है। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली हिना ने अर्थशास्त्र (Economics) जैसे कठिन विषय में यह उपलब्धि प्राप्त की है।
Sirmour News: पिता ने मजदूरी कर पढ़ाया! अब बेटी ने जेआरएफ परीक्षा पास कर बढ़ाया मान, 99.55 परसेंटाइल किए हासिल
हिना की ऑल इंडिया रैंक 45 रही है। हिना की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से ही हुई है। गांव के साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली हिना ने यह साबित कर दिया है कि संकल्प और मेहनत के बल पर किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है।
पिता ने मजदूरी कर पढ़ाया
उनके पिता प्रवीण कुमार गांव के समीप स्थित खड्ड में दैनिक मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। मां सरिता, एक समर्पित गृहिणी हैं, जो हाल ही में पैर में गंभीर चोट लगने के कारण कार्य करने में असमर्थ हो गई हैं। ऐसे कठिन आर्थिक और पारिवारिक परिस्थितियों के बावजूद परिवार ने बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी।
पढ़ाई के साथ-साथ घरेलू जिम्मेदारियां निभाई
सीमित संसाधनों के बीच भी माता-पिता ने अपने सपनों को हिना की आंखों में बसाया और हर संभव प्रयास किए कि उनकी बेटी पढ़-लिखकर एक बेहतर भविष्य बना सकें। हिना भी अपने माता-पिता के त्याग को समझते हुए शुरू से ही पढ़ाई के साथ-साथ घरेलू जिम्मेदारियों में पूरी तरह सहभागी रहीं।
वह हर दिन सुबह उठकर घर के सभी जरूरी कामकाज निपटातीं और फिर कॉलेज जाकर नियमित रूप से पढ़ाई करतीं। शिक्षा के प्रति उनकी लगन और आत्मविश्वास आज उन्हें न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे गांव का गौरव बना रहे हैं। हिना की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि बेटियों की शिक्षा में किया गया निवेश समाज को एक नई दिशा दे सकता है।
उनका संघर्ष उन तमाम अभिभावकों और विद्यार्थियों के लिए मिसाल है जो कठिनाइयों के बावजूद हार नहीं मानते। हिना ने अपनी इस सफलता का श्रेय The Scholars Adda के गुरप्रीत सर और दविंदर सर को दिया। उनका कहना है, “गुरप्रीत सर ने न केवल हर विषय की बुनियाद को मजबूती से समझाया, बल्कि यह भी सिखाया कि एक्ज़ाम को स्मार्ट तरीक़े से कैसे क्रैक किया जाए।
वे मेरे सबसे बड़े गाइड और मोटिवेटर रहे हैं। साथ ही उन्होंने अपनी बहन और जीजा , मौसी रिश्तेदारों के सहयोग को भी विशेष रूप से याद किया, जिन्होंने हर कदम पर उनका मनोबल बढ़ाया, उनके बिना हिना का मानना है की शयद वो कभी सफलता न प्राप्त कर पाती। इसके अलावा, हिना ने डॉ. नलिन रामऔल और रविकांत सर के मार्गदर्शन का भी आभार प्रकट किया, जिनकी शिक्षा ने उनकी बुनियादी समझ को मजबूत किया।
हिना की कहानी सिर्फ एक सफलता की कहानी नहीं, बल्कि यह संदेश है कि यदि सही मार्गदर्शन, परिवार का सहयोग और अपनी मेहनत साथ हो, तो कोई भी मुश्किल राह आसान बन जाती है। आज हिना न सिर्फ अपने परिवार का गर्व हैं, बल्कि वे उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं।
नेट परीक्षा भी कर चुकी उत्तीर्ण
हिना ने वर्ष 2024 में नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी। उन्होंने जमा दो तक की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कोलर से की। इसके बाद बी.कॉम की डिग्री डॉ. वाई.एस. परमार राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नाहन से प्राप्त की और फिर गुरु गोविंद सिंह कॉलेज, पांवटा साहिब से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया।
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