Sirmour News: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनी तारो देवी की बेटियों के विवाह में आशा की किरण
Sirmour News: प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश वासियों के कल्याण हेतु विभिन्न कल्याणकारी एवम् जनहितैषी योजनाएँ चलाई गई है, आत्मनिर्भर हिमाचल के निर्माण में महिलाओं की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार महिलाओं के लिए भी कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रही हैं। यह सकारात्मक बदलाव दर्शाता है कि समाज में लड़कियों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव हुआ है।
Sirmour News: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनी तारो देवी की बेटियों के विवाह में आशा की किरण
प्रदेश सरकार द्वारा वंचित वर्गों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के माध्यम से बेटियों के विवाह में आर्थिक सहायता के रूप में प्रदेश सरकार द्वारा 51 हज़ार रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है। इस योजना के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन व्यतीत कर रहे बहुत से पात्र परिवारों की बेटियों का विवाह संभव हो रहा है। ऐसी ही एक लाभार्थी तारों देवी पत्नी रोशन लाल जोकि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की रहने वाली हैं, ने बताया कि उनके पति के भाई व भाभी बीमारी के चलते लगभग 15 व 18 साल पहले स्वर्ग सिधार गए।

उन्होंने बताया कि जब उनके भाई व भाभी की मृत्यु हुई तो उनके पास दो बेटियां तथा एक बेटा था, इन छोटे- छोटे बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। तारों देवी ने बताया कि उनके पास आय के बहुत सीमित साधन थे, थोड़ी सी ज़मीन थी जिस पर उनका परिवार खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था, परंतु उन्होंने अपने भाई व भाभी की मृत्यु के उपरांत उनके तीनों बच्चों का पालन पोषण भी अपने बच्चों की तरह ही किया। तारो देवी ने बताया कि समय बीतता गया परंतु बेटियों की उम्र विवाह योग्य होने के उपरांत उन्हें अपनी दोनों बेटियों के विवाह की चिंता सताने लगी।

उन्होंने बताया कि बेटियों का विवाह अच्छे से करना उनका सपना था लेकिन आर्थिक तंगी उनके लिए सबसे बड़ी बाधा बनी हुई थी। उनके परिवार की आमदनी इतनी नहीं थी कि वह शादी का पूरा खर्च उठा सकें, साथ ही रिश्तेदारों से मदद मिलना भी मुश्किल था क्योंकि सभी सीमित संसाधनों में जीवन व्यतीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह बेटी के विवाह हेतु पर्याप्त धनराशि नहीं जुटा पा रही थी, जिस कारण उन्हें बेटियों के विवाह में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
उन्होंने बताया कि वह अपनी पुत्रियों के विवाह हेतु धन का बंदोबस्त कर रही थी, इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा बेटियों के विवाह में 51 हज़ार रुपये का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इसके उपरांत उन्होंने बाल विकास परियोजना अधिकारी पांवटा साहिब के कार्यालय में जाकर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने अपनी दोनों बेटियों के विवाह हेतु मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुदान राशि के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी पांवटा साहिब के कार्यालय में वांछित दस्तावजों सहित निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन किया, तदोपरांत उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा दोनों बेटियों के विवाह हेतु मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मिलने वाली 51-51 हज़ार रुपये की अनुदान राशि प्राप्त हुई। तारो देवी ने बताया कि दोनों बेटियों के विवाह में प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के माध्यम से प्राप्त आर्थिक सहायता से उनकी बेटियों के विवाह में कोई परेशानी नहीं आयी और उनकी बेटियों की शादी धूम-धाम से हो सकी।
तारो देवी व उनकी पुत्रियों ने अपने पूरे परिवार की ओर से बेटियों के विवाह में अनुदान राशि प्रदान करने के उदे्दश्य से चलायी गई मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया है। बाल विकास परियोजना अधिकारी पांवटा साहिब गीता सिंगटा ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पात्र परिवारों की बेटियों के विवाह हेतु 51 हज़ार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि लड़की के परिवार की वार्षिक आय ₹50 हज़ार तक होनी चाहिए इसके अतिरिक्त विधवाओं की बेटियाँ, अनाथ लड़कियाँ, और नारी सेवा सदनों में रहने वाली लड़कियाँ भी इस योजना के अंतर्गत आती हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में या आंगनवाडी वर्कर तथा सुपरवाईज़र के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के उपरांत सम्बन्धित अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाता है। आवेदन स्वीकृत होने के उपरांत योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुदान राशि का भुगतान आवेदक के बैंक खाते में ट्रान्स्फ़र कर दिया जाता है।

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