Success Story: खेलने कूदने की उम्र में खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी! 200 लोगों को दिया रोजगार! पढ़ें कामयाबी की कहानी
Success Story : आज पूरे देश में प्रदेश में युवा पीढ़ी रोजगार के लिए दरबदर ठोकरे खा रही है। रोजगार तो रोजगार खुद का बिजनेस स्टार्ट करने के लिए भी पहले बहुत सी मुसीबतों का सामना हमारी युवा पीढ़ी को करना पड़ रहा है।
Success Story: खेलने कूदने की उम्र में खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी! 200 लोगों को दिया रोजगार! पढ़ें कामयाबी की कहानी
Success Story: तो वहीं दूसरी तरफ एक 13 साल के बच्चे ने 100 की कंपनी खड़ी कर दी है। जी हां सुनने में आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह सच है। हम बात कर रहे हैं मुंबई के रहने वाले तिलक मेहता के बारे में..
जिस उम्र में आपका बच्चा खेलने कूदने और पढ़ने की उम्र में होता है, ऐसे में तिलक मेहता ने अपनी 13 साल की उम्र में एक बड़ी कामयाबी को छुआ है। तिलक मेहता ने सामने आए एक समस्या से आइडिया लेकर एक बहुत बड़ी कामयाबी को हासिल किया है।
आइए इनकी कामयाबी की कहानी जानते हैं…
कैसे मिला बिजनेस आइडिया
सन् 2006 में गुजरात में जन्मे तिलक मेहता ने 13 साल की उम्र में इस कंपनी की शुरुआत की थी। दरअसल, बचपन में एक घटना से उन्हें बिजनेस स्टार्ट करने का आइडिया आया। इसके बाद उन्होंने अपने बिजनेस शुरू करने पर विचार किया।
अक्सर तिलक के पिता के ऑफिस से लौटने के बाद में तिलक अपने पिता को बाजार से स्टेशनरी लाने को कहते थे, तो थकान होने की वजह से तिलक के पिता अधिकांश इस बात के लिए मना कर दिया करते थे। इसे देखते तिलक के दिमाग में किताबों की डिलीवरी करने का ख्याल आया।
तिलक ने अपने पिता से इस बिजनेस प्लान के बारे में डिस्कस किया। पिता ने तिलक को शुरुआती धनराशि दी और उनकी मुलाकात बैंक अधिकारी घनश्याम पारेख से करवाई।
दोनों ने मिलकर पेपर एन पार्सल नाम से एक कूरियर सेवा शुरू की और घनश्याम पारेख कंपनी के सीईओ बन गए।
क्या है कंपनी का काम
पेपर्स एन पार्सल एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो शिपिंग और लॉजिस्टिक्स से संबंधित सेवाएं प्रदान करता है, के लिए तिलक मेहता के पास एक बड़ी वर्कर्स की टीम है जो मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को डोर स्टेप सर्विस मुहैया करवाती है। आज की तारीख में कंपनी में 200 से 300 से डब्बावाले जुड़े हुए हैं।