WhatsApp यूजर्स सावधान! दुनिया भर में व्हाट्सएप यूजर्स पर मंडरा रहा खतरा, आपके फोन तक भी पहुंच सकता है ये खतरनाक स्पाइवेयर
WhatsApp यूजर्स सावधान! जहां एक ओर देश और दुनिया में डिजिटल सशक्तिकरण को काफी लाभदायक बताया जा रहा है। वहीं यह सशक्तिकरण हम सबके लिए विभिन्न प्रकार की चुनौतियां भी लेकर आ रहा है।
WhatsApp यूजर्स सावधान! दुनिया भर में व्हाट्सएप यूजर्स पर मंडरा रहा खतरा, आपके फोन तक भी पहुंच सकता है ये खतरनाक स्पाइवेयर
जी हां, WhatsApp ही इस बात का जीता जाता उदाहरण है। WhatsApp एक ओर जहां हमें विभिन्न प्रकार की सुविधा दे रहा है देश और दुनिया से जोड़ रहा है वहीं WhatsApp के माध्यम से अब लोगों पर स्पाइवेयर हमले भी हो रहे हैं।
यदि आप भी WhatsApp इस्तेमाल कर रहे हैं तो बता दें दुनिया भर में करीबन दो दर्जन से ज्यादा देशों ने WhatsApp के स्पाइवेयर हमले की पुष्टि कर दी है।
हाल ही में इटली में कम से कम सात मामलों की पुष्टि की गई है। जिसके बाद इटली सरकार ने इसकी जांच शुरू कर दी है। डिजिटल हमलों की फेहरिस्त में अन्य राष्ट्र भी अपनी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो यह स्पाइवेयर जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट और सिविल सोसाइटी के मेंबर्स को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया था ।
क्या है यह स्पाइवेयर
जैसा कि हमने बताया यह स्पाइवेयर असल में जर्नलिस्ट एक्टिविस्ट और सिविल सोसाइटी के मेंबर्स को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार यह स्पाइवेयर इजरायली सर्विलांस कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशन द्वारा तैयार किया गया है।
यह स्पाइवेयर जीरो क्लिक हैक से बनाया गया है। मतलब इस स्पाइवेयर को काम करने के लिए क्लिक की जरूरत नहीं पड़ती यह स्पाइवेयर आपके गैजेट में एंटर होते ही गैजेट को हैक कर सकता है।
क्या होता है जीरो क्लिक हैक
आमतौर पर किसी भी लिंक पर क्लिक करने के पश्चात ही वह लिंक आपके मोबाइल में एक्टिव हो जाता है और आपकी संवेदनशील और गोपनीय जानकारी को निकाल कर एजेंसी को प्रोवाइड कर सकता है।
यह मालवेयर आपका फोन हैक भी कर सकता है ।परंतु यह विशिष्ट स्पाइवेयर जीरो क्लिक हैक का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है।
मतलब इस स्पाइवेयर को आपका फोन हैक करने के लिए यूजर इंटरेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती। मतलब यह अब तक का सबसे खतरनाक मालीशियस स्पाइवेयर है जिसे फोन में प्रवेश हेतु परमिशन (लिंक पर क्लिक ) की जरूरत नहीं।
अब तक इस स्पाइवेयर से कितने यूजर्स को नुकसान पहुंचाया गया है ?
इजरायली कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशन का यह स्पाइवेयर असल में अपराध से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया था। परंतु इस स्पाइवेयर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
बल्कि इस स्पाइवेयर को अब सरकारी क्लाइंट्स को बेचने की बजाय हैकर्स को बेचा जा रहा है जिसकी वजह से 90 यूजर्स को हैक करने का प्रयास किया गया है।
यहां तक की इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल स्पाइवेयर को बनाने वाली कंपनी और उसके लिए काम करने वाले कर्मचारियों पर ही किया जा रहा है।
क्यों बन रहा है वैश्विक स्तर पर यह स्पाइवेयर चिंता का विषय
वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो इस मुद्दे को विभिन्न देशों द्वारा उठाया गया है। हालांकि व्हाट्सएप द्वारा इस हैकिंग को बाधित किया जा रहा है।
इस बात की पुष्टि भी अधिकारियों द्वारा की गई है परंतु अधिकारी इस बारे में डिटेल देने से इनकार कर रहे हैं। विशेष शोध कर्ताओं की माने तो असल में यह स्पाइवेयर अपराधों से लड़ने और निपटने के लिए तैयार किया गया है।
परंतु कनाडा अमेरिका जैसे विकसित राष्ट्रों के पत्रकारों, कार्यकर्ता, विपक्षी राजनेताओं और कम से कम 50 अमेरिकी अधिकारियों के फोन पर इस प्रकार के स्पाइवेयर बार-बार मिले हैं।
क्या हैकर्स के निशाने पर है आम जनता ?
फिलहाल आम जनता के फोन हैक होने की किसी प्रकार की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
यूरोपीय न्यूज़ एजेंसी थे गार्जियन के हवाले से यह स्पष्ट हो रहा है कि इस हैकिंग स्पाइवेयर के माध्यम से पत्रकार और सिविल सोसाइटी के मेंबर्स को ही निशाना बनाया जा रहा है।
हालांकि इस स्पाइवेयर से जिन लोगों को निशाना बनाया गया है वह दुनिया भर के दो दर्जन से अधिक देशों में स्थित है, परंतु आम नागरिकों के फोन हैक को लेकर अभी तक कोई मामला सामने नही आया है।