जंगल में आग हुई बेकाबू, एक हफ्ते से की जा रही आग बुझाने की कोशिश
राजधानी से सटे तारादेवी के जंगल में आग बेकाबू हो गई है। एक हफ्ते से दहक रहे इस जंगल में शनिवार सुबह आग ने भीषण रूप ले लिया। सुबह 9:00 बजे तेज हवाएं चलने से चीड़ और बान के जंगल में आग तेजी से भड़की।
वन विभाग के कर्मियों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन ढांक में उतरना आसान नहीं था। मौके पर तैनात वन कर्मियों ने इस बारे में अधिकारियों को सूचित किया। विभाग ने तुरंत दो डीएफओ, दो रेंज ऑफिसर और अन्य वन कर्मी मौके पर भेजे।
साथ ही स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और युवा मंडलों से भी संपर्क करने को कहा लेकिन यह नहीं आए। सुबह 11:00 बजे तक अधिकारी और बाकी स्टाफ भी आग बुझाने के काम में जुट गए। दमकल केंद्र बालूगंज, मालरोड और छोटा शिमला से भी कर्मचारी मौके पर बुलाए गए।
दोपहर 1:00 बजे आग तारादेवी की चोटी पर पहुंचकर दूसरी तरफ से नीचे ढलान की ओर बढ़ने लगी। वन विभाग ने दोपहर 1:30 बजे आग बेकाबू होता देख तारादेवी एनएच से मंदिर तक जाने वाले पैदल रास्ते से ऊपर की ओर आग लगाकर लाइन काट दी ताकि नीचे का जंगल बचाया जा सके।
दोपहर 2:00 बजे वन विभाग ने होमगार्ड के जवानों को भी मौके पर बुला लिया। आईटीबीपी के जवान भी सुबह से ही कैंप एरिया से सटे जंगल में आग बुझाने के काम में डटे रहे। मौके पर आग बुझाने में जुटे डीएफओ शिमला ग्रामीण कृष्ण कुमार ने बताया कि अब तक 70 हेक्टेयर तक का जंगल खाक हो चुका है। आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
आग के गोले बनकर गिरते रहे कोण
पहाड़ी के ऊपर भड़की आग के बीच चीड़ के जलते हुए कोण यहां से नीचे की ओर जंगल में गिरते रहे। इससे आग और भड़क गई।
विभाग ने कुछ जवानों को पहाड़ी से गिर रहे कोण रोकने के लिए निगरानी रखने को कहा। ग्रामीण लोग मौके पर इक्का दुक्का ही थे। विभाग के अनुसार इस जंगल से गांव दूर हैं, ऐसे में लोग नहीं आ रहे।