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सरकार द्वारा एचआरटीसी बसों में महिलाओं के लिए 50% छूट देने पर निजी बस ऑपरेटरों को भरना पड़ रहा खामियाजा…

सरकार द्वारा एचआरटीसी बसों में महिलाओं के लिए 50% छूट देने पर निजी बस ऑपरेटरों को भरना पड़ रहा खामियाजा…

सरकार द्वारा एचआरटीसी बसों में महिलाओं के लिए 50% छूट देने पर निजी बस ऑपरेटरों को भरना पड़ रहा खामियाजा…

अपने फैसले पर एक बार फिर मंथन करे सरकार : मामराज शर्मा…

 

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हिमाचल प्रदेश में “नारी को नमन” कार्यक्रम के तहत चलने वाली सभी हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में महिलाओं के लिए 50% तक किराए में छूट कर दी गई है।

वहीं, निजी बस ऑपरेटर सरकार के इस फैसले से नाखुश हैं। निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है।

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यही नहीं बल्कि इनका कहना है यदि सरकार इस फैसले में कोई बदलाव नहीं करती है तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान बस यूनियन के प्रधान मामराज शर्मा ने बताया कि सरकार को महिलाओं को आरक्षण देने के साथ-साथ निजी बसों की ओर भी ध्यान देना चाहिए। सरकारी बसों में महिलाओं के लिए 50% किराया लिया जाएगा तो निजी बसों में सवारियों की संख्या बहुत कम हो जाएगी जिससे उन्हें घाटा हो रहा है।

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उन्होंने कहा कि हिमाचल में इस समय लगभग 3500 निजी बस ऑपरेटर है। यदि सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं लेगी तो उन्हें मजबूरन बसें खड़ी करके आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। और बसों की चाबी सरकार के हाथों में थमा देनी पड़ेगी।

विकल्प के तौर पर मामराज शर्मा ने कहा कि या तो सरकार निजी बस ऑपरेटरों को भी कोई ऐड दे ताकि वह भी 50% किराए पर महिलाओं को आरक्षण दे सके। उन्होंने कहा कि इससे एचआरटीसी बसों में ओवरलोड होने की स्थिति भी बन सकती है। लेकिन सरकार केवल निजी बसों के ही चालान काटती है।

वहीं बलविंदर सिंह ने बताया कि निजी बसों के साथ प्रदेश के लगभग 5 लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं। जोकि कोई छोटी संख्या नहीं है। उन्होंने बताया कि निजी बस ऑपरेटरों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है।

निजी बस ऑपरेटरों को परमिट लेने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। यही नहीं बल्कि नया रूट शुरू करने के लिए भी उन्हें परमिशन नहीं मिलती है। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान करें अन्यथा उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

Written by Newsghat Desk

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