अनशन पर बैठे गौसेवक सचिन ओबरॉय से मिलने पहुंचे ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी
ओबरॉय की मांगों के प्रति समर्थन जताया, अनशन छोड़ने का किया आग्रह
कहा -प्रदेश सरकार के समक्ष रखेंगे ये मांगे
गोसंरक्षण के लिए आमरण अनशन पर बैठे सचिन ओबरॉय से मिलने आज ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी धरना स्थल पर पहुंचे।
उन्होंने गम्भीरतापूर्वक गोसेवक की मांगे सुनी व उन्हें आश्वासन दिया कि वह शीघ्र ही उनकी मांगे सरकार के समक्ष रखेंगे।
बेजुबान गोवंश हित के लिए गोसेवक सचिन ओबरॉय के पक्ष में आये ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने इस दौरान कहा कि वह हिन्दू धर्म में आस्था रखने के साथ साथ गऊ माता के संरक्षण के लिए हर जरूरी कार्य करने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने गोवंश के उद्धार के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हालांकि उन्होंने माना कि इस दिशा मे अभी और सुधार की जरूरत है।
जिसमें लावारिस पशुओं को लेकर कठोर कानून लागू किए जाने की सख्त जरूरत है। साथ ही गौशालाओं में गोवंश के रख रखाव के लिए और बेहतर कार्य किए जाने की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वह गो सेवक सचिन ओबरॉय की सभी मांगों को सरकार के समक्ष रखेंगे। जिसमें यथाशीघ्र उचित कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हर कार्य को करने के लिए कुछ समय की जरूरत होती है और समय के साथ साथ हर जगह उसमें सुधार किया जा रहा है। उन्होंने सचिन के स्वास्थ्य के प्रति चिंता जताते हुए अनशन छोड़ने का आह्वान किया। इस दौरान नगर पार्षद व समाज सेवी डॉक्टर रोहताश नांगिया ने भी सचिन ओबरॉय से मुलाकात की।
बता दें कि गोसेवक सचिन ओबरॉय बीते कल से गोसंरक्षण हेतु अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठे हैं। इस दौरान उनके साथ अन्य गौप्रेमी भी शामिल थे।
रामलीला मैदान में नगर परिषद की अनुमति न मिलने के कारण गोसेवक सचिन ओबरॉय व अन्य गो प्रेमियों की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई थी। कड़े विरोध के बाद गोसेवक मैदान में प्रवेश कर पाए थे।
गोसेवक सचिन ओबरॉय का कहना है कि आज से 20 दिन पूर्व जिला सिरमौर में गोमाता के संरक्षण हेतु प्रशासन को दिए मांग पत्र पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई हैं। जिसके चलते वह अब रामलीला मैदान पांवटा साहिब में अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठे हैं।
गौरतलब हो कि गौ संरक्षण आंदोलन के तहत वह पहले 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे थे।
जिस दौरान प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया था कि इस बाबत एक कमेटी गठित की जाएगी, जो जिला सिरमौर की सभी गौशालाओं का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिसे सरकार को भेजा जाएगा। लेकिन इस बाबत प्रशासन द्वारा कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया हैं।