अब्दुल रजाक को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार, पढ़ें कौन हैं अब्दुल रजाक
21 साल की उम्र से लिख रहे हैं रज़ाक, पहले भी हो चुके हैं सम्मानित
तंजानियाई लेखक अब्दुल रजाक गुरनाह को इस साल के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।
स्वीडिश एकेडमिक ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, कि अब्दुल रजाक ने अपनी लेखनी के जरिए उपनिवेशवाद के प्रभाव, संस्कृतियों को लेकर काफी कुछ लिखा है। उनकी कलम सर्वथा योग्य है, कि उन्हें साहित्य का नोबेल दिया जाये।
21 साल की उम्र से लिख रहे हैं रज़ाक
शरणार्थियों के भाग्य के इर्द-गिर्द अपने लेखन के जरिए दुनिया के दिलों में प्रेम पैदा करने अब्दुल रजाक गुरनाह ने 10 उपन्यास और कई शार्ट स्टोरी लिखी है। बताया जा रहा है, कि रजाक ने 21 वर्ष की उम्र से लिखना शुरु कर दिया था।
रजाक का जन्म 1948 में हुआ था और वह जंजीबार में पले बढ़े लेकिन साठ के दशक के आखिर में वह एक शरणार्थी के रूप में इंग्लैंड चले गए और वहां कैंट विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफ़ेसर भी रहे।
पहले भी हो चुके हैं सम्मानित
अंग्रेजी के प्रोफेसर है, गुरनाह के लिए या पहला अवसर नहीं है, जब उन्हें उनकी साहित्य साधना के लिए सम्मानित किया जा रहा है, बल्कि इससे पहले भी उन्हें कई बड़े सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
1994 में उन्हें उपन्यास पैराडाइज के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। और उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।