एसबीआई का बड़ा ऐलान! इस साल लोन राशि में होगी भारी बढ़ौतरी! एसएमई, कृषि सहित इन्हें मिलेगा बड़ा लाभ
एसबीआई का बड़ा ऐलान! भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), ने वित्त वर्ष 2025 में अपने ऋण बही खाते में 14-16% वृद्धि का अनुमान जताया है।
बैंक ने यह उम्मीद जताई है कि एसएमई, कृषि, और कॉरपोरेट खंड में ऋण देने से यह वृद्धि संभव हो सकेगी। साथ ही, एसबीआई ने अपनी जमा वृद्धि में भी अच्छी बढ़त की उम्मीद की है।
एसबीआई का बड़ा ऐलान! इस साल लोन राशि में होगी भारी बढ़ौतरी! एसएमई, कृषि सहित इन्हें मिलेगा बड़ा लाभ
एसबीआई का बड़ा ऐलान! एसबीआई ने आगामी वित्त वर्ष 2025 में अपनी ऋण बही में 14-16% तक की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
यह अनुमान तब जताया गया है, जब बैंकिंग प्रणाली की उधारी वृद्धि सालाना आधार पर करीब 11.5% के सामान्य स्तर पर है और वित्त वर्ष 2025 में यह 13% तक पहुंचने की उम्मीद है।
इसके बावजूद, एसबीआई ने लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई), कृषि, और कॉरपोरेट क्षेत्रों में बढ़ती मांग के कारण अपनी उधारी में अधिक वृद्धि की आशा जताई है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, एसएमई क्षेत्र में मजबूत वृद्धि जारी रहेगी। बैंक का प्रबंधन वित्त वर्ष 25 में उद्योग की ऋण वृद्धि की तुलना में अधिक 14-16% वृद्धि को लेकर आश्वस्त है।
इसके अतिरिक्त, एसबीआई की कॉरपोरेट मंजूरी पाइपलाइन 4 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जिससे कॉरपोरेट क्रेडिट में भी अच्छी बढ़त का अनुमान है।
जमा वृद्धि की उम्मीद:
एसबीआई ने अपने जमा संग्रहण में भी वृद्धि की संभावना जताई है। बैंक का अनुमान है कि केंद्रित जमा संग्रहण के प्रयासों से वृद्धिशील जमा में सालाना आधार पर 10% से अधिक की वृद्धि होगी। इससे बैंक की कुल जमा आधार में मजबूती आएगी और ऋण देने की क्षमता भी बढ़ेगी।
मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एसबीआई की एक्सप्रेस उधारी (व्यक्तिगत ऋण) में भी फिर से वृद्धि हो रही है। व्यक्तिगत ऋण एसबीआई के उच्च टर्नओवर वाले उत्पादों में से एक है, जिसकी औसत अवधि लगभग 14 महीने होती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुरक्षित ऋण में वृद्धि की संभावना बनी रहेगी, और इससे कॉरपोरेट प्रस्तावों की कुल 6 लाख करोड़ रुपये की पाइपलाइन से मदद मिलेगी।
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एचडीएफसी बैंक की रणनीति:
दूसरी ओर, एचडीएफसी बैंक ने बताया है कि उसके ऋण बही खाते में वृद्धि उद्योग के औसत से कम रह सकती है। इसका कारण यह है कि एचडीएफसी बैंक अपने बढ़े हुए उधारी-जमा (सीडी) अनुपात को नियंत्रित करने पर कार्य कर रहा है। एचडीएफसी के इस निर्णय से उद्योग की कुल ऋण वृद्धि पर कुछ असर पड़ सकता है।
जान लें कि एसबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष 25 में एसएमई, कृषि और कॉरपोरेट खंडों से ऋण की मांग में वृद्धि से बैंक की ऋण बही को मजबूती मिलेगी।
वहीं, अन्य प्रमुख बैंक, जैसे एचडीएफसी, अपने सीडी अनुपात को नियंत्रित करने के प्रयास में हैं। ऐसे में आगामी वित्त वर्ष में बैंकिंग उद्योग की ऋण वृद्धि और प्रतिस्पर्धा पर नजर बनाए रखना दिलचस्प होगा।