दिन रात मजदूरी कर सिरमौर के प्रदीप ने UGC नेट की परीक्षा की क्वालिफाई, बिना कोचिंग के हासिल किया मुकाम
मन में यदि हो जज्बा कोई भी काम करना मुश्किल नहीं है परिस्थितियां अच्छी हो या बुरी फिर इससे फर्क नहीं पड़ता अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत ही काफी है, बात को सच कर दिखाया है गिरी पार के पुत्र प्रदीप ने जिसने राष्ट्रीय स्तर पर यूजीसी की परीक्षा पास कर सिरमौर एवं शिलाई क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
शिमला में मेहनत मजदूरी कर सिरमौर के प्रदीप सिंह ने राष्ट्रीय स्तर की यूजीसी नेट (जेआरएफ) की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अंग्रेजी साहित्य में प्रदीप सिंह ने बिना कोचिंग के ही मुकाम हासिल किया है।
सिरमौर के दुर्गम उपमंडल शिलाई की पाब मानल पंचायत के चमिया गांव के रहने वाले प्रदीप ने एचपीयू शिमला से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद से ही नेट की तैयारियां भी शुरू कर दीं।
परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, तो उन्हें दिहाड़ी लगाने की सोची। प्रदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने शिमला के साथ-साथ जुब्बल, कोटखाई और सोलन में ठेकेदार के माध्यम से मजदूरी की। इस बीच वह पढ़ाई के लिए वक्त निकालते थे। उन्होंने इस बार जेआरएफ उत्तीर्ण कर अब पीएचडी करेंगे।
प्रदीप ने शिलाई कॉलेज से 2016 में मेजर इंग्लिश विषय में स्नातक करने के बाद ने 2018 में अंग्रेजी साहित्य में एमए की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 2018-19 में एमफिल भी की।
इस बीच वह यूजीसी नेट की तैयारियों में भी जुटे लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। उन्होंने इससे पहले आठ बार नेट दिया। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और नेशनल फेलोशिप के हकदार बन गए।
इस कामयाबी को पाने के लिए प्रदीप का अब तक का सफर संघर्ष भरा रहा। उनके पिता बस्ती राम भी शिमला में दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। उनके साथ प्रदीप ने मजदूरी कर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला। 29 साल के प्रदीप की कुछ समय पहले शादी हो चुकी है। उनकी पत्नी रेखा देवी ने भी यूजीसी नेट पास किया।