नशीली ड्रग्स आपूर्ति प्रकरण : नौकर के नाम पर हो रहा था काला कारोबार
हिमाचल नारकोटिक्स ब्यूरो की जांच में लगातार हो रहे बड़े खुलासे
बहुचर्चित नशीली ड्रग्स आपूर्ति प्रकरण में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है कि ड्रग्स निर्माता कंपनी का आरोपी मालिक अपने नौकर के नाम से काला कारोबार चलाता रहा है।
जांच के दौरान हिमाचल नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम जब राजस्थान के सीकरी में आरोपी डब्ल्यूबी मेडिकोज के मालिक के पते पर पहुंची तो यह पता एक झोपड़ी का निकला।
जांच में पता चला है कि इस झोंपड़ी में रहने वाला शख्स उस मेडिकोज फर्म में बतौर नौकर काम करता है, लेकिन असली मालिक ने सारे दस्तावेज उसके नाम से बना रखे हैं।
यही नहीं इस समय आरोपी मालिक और नौकर दोनों ही फरार हैं। एक अन्य मामले में हरियाणा की फार्मा कंपनी पर भी सीआईडी थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है।
यह कंपनी भी दवाओं की खरीद-फरोख्त के पक्के बिल नहीं दिखा पाई है। वहीं, तीसरी कंपनी जैनेट फार्मा के आरोपी मालिक और प्रबंधक पहले से ही हिरासत में चल रहे हैं।
इन्हें अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। डीएसपी नारकोटिक्स दिनेश शर्मा ने कहा कि मामले की जांच अभी चल रही है।
फर्जी बिलों के जरिए हो रही थी दवाइयों की सप्लाई
उक्त बहुचर्चित प्रकरण बद्दी में सीआईडी की छापामारी के बाद सामने आया। पहली एफआईआर दर्ज होने के बाद ड्रग्स माफिया अब धीरे-धीरे बेपर्दा हो रहा है। ड्रग माफिया फर्जी बिलों के नाम पर ड्रग्स की सप्लाई कर रहा था।
दवाइयों को जहां भेजा जा रहा था, वहां की हकीकत कुछ और है। वहां ऐसी कोई सप्लाई नहीं पहुंच रही है। इससे सीआईडी को ड्रग्स आपूर्ति के बड़े खेल का अंदेशा हुआ। उसी के बाद जांच आगे बढ़ती गई। अब नए खुलासे हो रहे हैं।